
लद्दाख में सीमा का एक बार फिर से उल्लंघन करते हुए चीन के सैनिक इस सप्ताह पानगोंग झील के इलाके के निकट भारतीय क्षेत्र में करीब छह किलोमीटर अंदर तक घुस आये जिसके बाद दोनों पक्षों के सुरक्षाकर्मी आमने-सामने आ गए.
8 मार्च की घटना
सुरक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े सूत्रों के अनुसार यह घटना आठ मार्च की है. उस दिन पीएलए के करीब 11 सैनिक पानगोंग के निकट ‘फिंगर-8’ और ‘सिरजाप-1’ में काल्पनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार कर भारतीय क्षेत्र में दाखिल हुए. इन जवानों की अगुवाई कर्नल स्तर का एक अधिकारी कर रहा था.
गाड़ियों से आए थे चीनी सैनिक
सूत्रों ने कहा कि चीन के सैनिक चार वाहनों से भारत की ठाकुंच सुरक्षा चौकी से दाखिल हुए और भारतीय क्षेत्र के 5.5 किलोमीटर अंदर तक पहुंच गए. इन वाहनों में दो हल्के, एक मध्यम और एक भारी वाहन था.
आईटीबीपी के एक गश्ती दल ने वापस भेजा
उनका कहना है कि आईटीबीपी के एक गश्ती दल ने जल्द ही इन चीनी सैनिकों का ‘प्रतिरोध किया और रोका.’ इसके बाद कुछ घंटे के लिए दोनों तरफ के जवान एक दूसरे के आमने-सामने रहे. फिर स्थिति सहज हो गई और दूसरा पक्ष अपने पुराने स्थल पर लौट गया.
एलएसी पर होता रहा है टकराव
इस घटना को लेकर सेना की प्रतिक्रिया फिलहाल नहीं मिल पाई है. वैसे सेना का यह कहना रहा है कि सीमा को लेकर अलग अलग अवधारणा के कारण एलएसी पर टकराव होता है.
आमने-सामने आए दोनों देशों के सैनिक
बहरहाल, सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिकों के दल का नेतृत्व कर्नल स्तर का एक अधिकारी कर रहा था और इसमें दो मेजर भी शामिल थे. खबरों के अनुसार चीनी पक्ष के जवान हथियारों से लैस थे और आईटीबीपी के जवानों के पास भी हथियार एवं दूसरे साजो-समान थे.
मई 2013 में भी सामने आया था तनाव
दौलत बेग ओल्डी में मई, 2013 में दोनों पक्षों के बीच तीन सप्ताह तक टकराव के बाद से 90 किलोमीटर की पानगोंग झील के किनारे के इलाके में हालात तनावपूर्ण रहे हैं. चीन फिंगर-4 इलाके में सड़क का निर्माण कराने में सफल रहा है जो सिरिजाप इलाके में भी पड़ती है और एलएसी के पांच किलोमीटर अंदर तक है.