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रेलवे का दावा, 11 महीनों में नहीं हुई रेल हादसे में एक भी मौत

रेलवे के मुताबिक 1 अप्रैल, 2019 से लेकर 24 फरवरी, 2020 के बीच किसी भी रेल दुघर्टना में कोई भी रेल यात्री की मौत नहीं हुई.

रेलवे ने FY 2019-20 में जबरदस्त सुरक्षा मानक स्थापित होने का दावा किया रेलवे ने FY 2019-20 में जबरदस्त सुरक्षा मानक स्थापित होने का दावा किया
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 25 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 10:08 PM IST

  • रेलवे के 166 साल के इतिहास में पहली बार उपलब्धि
  • 24 फरवरी 2020 तक के रेल दुघर्टना में नहीं हुई मौत

वित्तीय वर्ष 2019-20 में रेल हादसे में एक भी मौत नहीं हुई है. यह दावा खुद भारतीय रेलवे की ओर से किया गया है. रेलवे के मुताबिक सुरक्षा के लिहाज से ये साल काफी अच्‍छा रहा. इस साल 1 अप्रैल, 2019 से लेकर 24 फरवरी, 2020 के बीच किसी भी रेल दुर्घटना में कोई भी रेल यात्री की मौत नहीं हुई.

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166 साल के इतिहास में पहली बार

भारतीय रेल ने यह शानदार उपलब्धि 166 साल के इतिहास में पहली बार हासिल की है. रेलवे की ओर से जारी बयान के मुताबिक कर्मचारियों के अथक परिश्रम और सुरक्षा मानकों में लगातार सुधार की वजह से ये मुमकिन हो सका है. रेलवे के बयान में कहा गया कि रेलवे ने रखरखाव के लिए मेगा ब्लॉक बनाया. इसके अलावा आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल, मानव रहित क्रॉसिंग खत्म करना, रेलवे का सिग्नलिंग सिस्टम दुरुस्त करने जैसे कई उपायों की वजह से हादसों में कमी आई है.

सुरक्षा मानकों में हो रही बढ़ोतरी

बता दें कि रेलवे दुर्घटना में ट्रेनों की टक्कर होना, गाड़ी पटरी से उतरना, आग लगना जैसी घटनाएं शामिल हैं. रेलवे ने दावा किया है लगातार आईसीएफ कोच की जगह एलबीएच कोच लगाई जा रही है, जिस वजह से भी सुरक्षा मानकों में बढ़ोतरी हुई है. रेलवे के मुताबिक, यह तमाम सुधार रेलवे संरक्षा कोष RRSK की वजह से हुआ है.

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दरअसल, RRSK को वर्ष 2017-18 में बनाया गया, जिसमें एक लाख करोड़ की राशि रखी गई थी, ताकि रेलवे का समुचित विकास और सुरक्षा सुनिश्चित हो. रेलवे ने बताया कि इस कोष के तहत रेलवे ने सबसे पहले अत्यधिक महत्वपूर्ण समझे जाने वाले कामों को निपटाया, जिससे यह अपेक्षित सुधार दिखाई पड़ा है.

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