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मोदी सरकार अपनी ही पार्टी के सांसदों की बयानबाजी के कारण बार-बार विवादों में फंसती नजर आ रही है. अभी साध्वी निरंजन ज्योति की सांप्रदायिक बयानबाजी का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अब सांसद साक्षी महाराज ने कुछ ऐसा कह दिया कि केंद्र सरकार एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर आ गई.
साक्षी महाराज ने कहा, 'गोडसे एक देशभक्त था. गांधीजी ने भी देश के लिए कई अच्छे काम किया.' हालांकि विवाद खड़ा होने के बाद साक्षी महाराज अपने बयान से पलट गए. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने गोडसे को कभी भी राष्ट्रभक्त नहीं बताया था.
दलवाई ने कहा, 'जिस शख्स ने राष्ट्रपिता की हत्या की उसको सम्मानित करने के लिए जानबूझकर शौर्य दिवस मनाया जा रहा है. पहले आगरा में जबरन धर्म परिवर्तन करवाया गया और अब यह...' कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि इसके लिए बीजेपी जिम्मेदार है. उनके इस बयान के बाद सदन में जोरदार हंगामा हुआ. विपक्ष के कुछ सांसद राज्यसभा चेयरमैन की कुर्सी के पहुंच गए और सरकार के विरोध में नारे लगाने लगे.
पूरे घटनाक्रम से बौखलाए संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार ने महात्मा गांधी के हत्यारे को किसी तरह का समर्थन नहीं दे रही. इस तरह की भाषा मंजूर नहीं है. विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्थगित करना पड़ा.
जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि सरकार महात्मा गांधी के हत्यारों का समर्थन नहीं करेगी. आनंद शर्मा ने कहा, 'विपक्ष भी चाहता है कि सदन की कार्यवाही सुचारू ढंग से चले. पूरा विश्वास है कि राष्ट्रपिता के हत्यारे को सम्मान देने के कार्यक्रम को सरकार कभी समर्थन नहीं देगी. आज पूरे सदन को एक आवाज में इस कार्यक्रम की निंदा करनी चाहिए.'
संसदीय कार्य मंत्री वैंकेया नायडू ने कहा, 'इस तरह के कार्यक्रम को अनुमति दिए जाने का सवाल ही नहीं उठता. कोई भी इस कार्यक्रम से नहीं जुड़ेगा. मैं यह रिकॉर्ड पर कह रहा हूं.'
कौन हैं साक्षी महाराज
साक्षी महाराज के नाम से मशहूर भगवाधारी बीजेपी सांसद का पूरा नाम स्वामी सच्चिदानंद हरि साक्षी महाराज हैं. उत्तर प्रदेश के उन्नाव से 2014 का लोकसभा चुनाव जीतने वाले साक्षी महाराज आरएसएस के सदस्य हैं. इससे पहले 1996 और 1998 में साक्षी महाराज फर्रूखाबाद से लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं. साक्षी महाराज अक्सर अपने बयानों को लेकर अक्सर विवादों में रहते हैं. इससे पहले उन्होंने मदरसों को आतंकवाद का केंद्र बताया था.