
गौरी लंकेश मर्डर केस की जांच करने वाली टीम को बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने मेडल प्रदान किया है. बेंगलुरु में जांच अधिकारी (आईपीएस) एमएन अनुचेथ, डिप्टी एसपी रंगप्पा और इंस्पेक्टर राजा को केंद्र सरकार ने उनकी जांच के लिए 'केंद्रीय गृह मंत्री पदक' से सम्मानित किया है.
पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या साल 2017 में हुई थी. इस सनसनीखेज घटना के तुरंत बाद एक जांच टीम बनाई गई थी जिसमें एमएन अनुचेथ जांच अधिकारी थे. अनुचेथ और उनकी टीम के 40-50 अधिकारियों ने 15-16 महीने में गौरी लंकेश हत्या मामले की गुत्थी सुलझा ली. गौरी लंकेश हत्या मामले की जांच के दौरान कलबुर्गी मामले की गुत्थी भी सुलझ गई. सुप्रीम कोर्ट ने अभी हाल में आदेश दिया कि गौरी लंकेश मामले की जांच करने वाली एसआईटी ही कलबुर्गी मामले की जांच करेगी.
कर्नाटक सरकार ने भी गौरी लंकेश जांच से जुड़ी एसआईटी को उम्दा जांच के लिए 25 लाख रुपए का सम्मान दिया है. प्रदेश सरकार ने ही इन अधिकारियों को सम्मानित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से सिफारिश की थी.
गौरतलब है कि कलबुर्गी की विधवा उमा मल्लीनाथ देवी ने उनकी हत्या की जांच की मांग करते हुए 2017 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. शीर्ष अदालत ने 26 नवंबर, 2018 को कर्नाटक पुलिस को कलबुर्गी की हत्या के खुलासे के लिए कदम नहीं उठाने पर फटकार लगाई थी. कलबुर्गी की हत्या धारवाड़ में 30 अगस्त, 2015 को उनके घर के बाहर कर दी गई थी.