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बंगलुरू में वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या, घर के गेट पर मारी गोली

वो अखबारों में कॉलम भी लिखती थीं. टीवी न्यूज चैनल डिबेट्स में भी वो एक्टिविस्ट के तौर पर शामिल होती थीं. लंकेश हिंदुत्व ब्रिगेड की आलोचक रही हैं.

गौरी लंकेश गौरी लंकेश
जावेद अख़्तर
  • बंगलुरू ,
  • 05 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:42 AM IST

वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की बंगलुरू में गोली मारकर हत्या कर दी गई. बताया जा रहा है कि चार अज्ञात हमलावरों ने  राज राजेश्वरी इलाके में स्थित गौरी के घर के बाहर उन पर काफी करीब से फायरिंग की, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई.

बंगलुरू के पुलिस कमिश्नर ने बताया कि गौरी लंकेश का शव खून से सना हुआ मिला. उन्होंने बताया कि घटनास्थल से कारतूस के चार खोके मिले. उन्होंने बताया कि हमलावरों की संख्या का अभी पता नहीं लग पाया है. पुलिस कमिश्नर ने जानकारी दी कि घर के सामने लोगों ने फायर की आवाज सुनी.

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गौरी लंकेश साप्ताहिक मैग्जीन 'लंकेश पत्रिके' की संपादक थीं. इसके साथ ही वो अखबारों में कॉलम भी लिखती थीं. टीवी न्यूज चैनल डिबेट्स में भी वो एक्टिविस्ट के तौर पर शामिल होती थीं. लंकेश के दक्षिणपंथी संगठनों से वैचारिक मतभेद थे.

सीबीआई जांच की मांग

वहीं इस हमले के बाद गौरी लंकेश के भाई ने गंभीर सवाल उठाए हैं. लंकेश के भाई इंद्रजीत ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि इस केस की जांच सीबीआई को हैंडओवर की जानी चाहिए.

गौरी लंकेश के आखिरी ट्वीट्स

अपनी हत्या के कुछ घंटे पहले तक गौरी ट्विटर और फेसबुक पर एक्टिव थीं. गौरी ने रोहिंग्या मुसलमानों से जुड़ी खबरों के लिंक शेयर किए और कई ट्वीट्स को री-ट्वीट किया. गौरी लंकेश ने अपने आखिरी ट्वीट में फेक पोस्ट की चर्चा की थी. गौरी ने लिखा था, 'हम लोगों में से कुछ लोग फेक पोस्ट शेयर करने की गलती कर देते हैं. चलिए एक्सपोज करने की कोशिश के बजाए इसके प्रति एक-दूसरे को सतर्क किया जाए. शांति बनाए रखिए साथियों.'

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वहीं एक ट्वीट में गौरी ने लिखा, 'मुझे ऐसा क्यों लगता है कि हम में से कुछ लोग अपने में ही लड़ रहे हैं? हम सभी अपने सबसे दुश्मन को जानते हैं. क्या हम उस पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं?'

सीएम ने जताया दुख

इस घटना पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दुख जताया. सिद्धारमैया ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने इस संबंध में डीजीपी से बात की है. सिद्धारमैया ने घटना की गहन जांच के आदेश दिए हैं.

 

वहीं सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर काफी गुस्सा नजर आ रहा है. कई नेताओं ने ट्वीट कर हमले की आलोचना की है.

राहुल गांधी ने की आलोचना

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गौरी लंकेश की हत्या पर दुख जताया. साथ ही उन्होंने लिखा कि सच को कभी खामोश नहीं किया जा सकता है.

राहुल ने लिखा, 'सच को भी खामोश नहीं किया जा सकता. गौरी लंकेश हमारे दिलों में रहती हैं. उनके परिवार को मेरी संवेदना और प्यार. दोषियों को सजा मिलनी चाहिए.''

 

स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने इस घटना को पनसारे और कलबुर्गी से जोड़कर देखा. वहीं गीतकार जावेद अख्तर ने भी नाराजगी जताई.

RSS ने की आलोचना

गौरी लंकेश पर हमले की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी आलोचना की है. आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक वी. नागराज ने घटना पर दुख जताते हुए मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की.

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कलबुर्गी की हुई थी हत्या

इससे पहले वर्ष 2015 में कर्नाटक के धारवाड़ में इसी तरह के एक अन्य मामले में साहित्यकार एमएम कलबुर्गी की उनके घर पर ही हत्या कर दी गई थी. इस केस में दो लोगों पर कलबुर्गी की हत्या करने का आरोप लगा था.

गोविंद पनसारे

2015 में ही सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद पनसारे की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनकी पत्नी को भी हमलावरों ने निशाना बनाया था. इस मामले में राइट विंग से जुड़े कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

वहीं इससे 2 साल पहले 2013 में पुणे में नरेंद्र दाभोलकर को भी गोलियों से छलनी किया गया था. अंधविश्वास और कुप्रथाओं के खिलाफ आवाज उठाने वाले डॉ. दाभोलकर सनातन संस्था और अन्य दक्षिणपंथियों के निशाने पर रहते थे.

 

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