
भारतीय पिचों पर पहली बार पिंक बॉल के साथ खेले गए दलीप ट्रॉफी मुकाबलों में इंडिया ब्लू को खिताबी जीत दिलाने वाले कप्तान गौतम गंभीर का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट पारंपरिक तरीके से ही खेला जाना चाहिए. भारतीय टीम के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर ने खुद को ‘परंपरावादी’ करार किया जो लंबे फॉर्मेट का मुकाबला लाल गेंद से और दिन में खेलना पसंद करता है, साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के प्रयोग सिर्फ टी20 क्रिकेट में ही किया जाना चाहिए.
गंभीर ने दलीप ट्रॉफी के फाइनल के बाद कहा, ‘मैं परंपरावादी हूं जो पुराने तरीके से क्रिकेट खेलना पसंद करता है. यह मेरी निजी राय है लेकिन मुझे लगता है कि इस तरह के बदलाव और प्रयोग सिर्फ टी20 क्रिकेट में ही किए जाने चाहिए. पांच दिवसीय मैच और टेस्ट मुकाबले लाल गेंद से ही खेले जाने चाहिए. कम से कम मैं ऐसा ही महसूस करता हूं.’ गंभीर ने टूर्नामेंट में पांच पारियों में 71.20 के औसत से 356 रन जुटाए हैं और अच्छा प्रदर्शन किया है. लेकिन उन्हें फिर भी लगता है कि पिंक बॉल से दूधिया रोशनी में कुछ समस्या है.
उन्होंने कहा, ‘चेतेश्वर पुजारा ने जो कुछ कहा, मैं उससे पूरी तरह से सहमत हूं. दूधिया रोशनी में यह अलग तरह का खेल हो जाता है और कलाई के स्पिनरों और गुगली डालने वाले गेंदबाजों का सामना करने में हमेशा मुश्किल होती है.’