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गायत्री की गाथा: इस कांड ने प्रजापति को पहुंचाया सलाखों के पीछे

गैंगरेप केस में कई महीने से फरार चल रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को यूपी एटीएस ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केस दर्ज करते ही पुलिस ने उनकी तलाश शुरू कर दी थी. लेकिन वह पुलिस को चकमा देकर छुपे रहे. इस बीच केस के सभी सहआरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति
मुकेश कुमार
  • लखनऊ,
  • 15 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST

गैंगरेप केस में कई महीने से फरार चल रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को यूपी एटीएस ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केस दर्ज करते ही पुलिस ने उनकी तलाश शुरू कर दी थी. लेकिन वह पुलिस को चकमा देकर छुपे रहे. इस बीच केस के सभी सहआरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. गायत्री प्रजापति के बेटे और भतीजे को हिरासत में लेकर मंगलवार से पूछताछ की जा रही थी. इसके बाद गायत्री को बुधवार को लखनऊ से पकड़ लिया गया.

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गैंगरेप केस, जिसने उड़ा दी गायत्री के आंखों की नींद...

रेप पीड़िता के मुताबिक, साल 2014 में नौकरी और प्लॉट दिलान के बहाने उसे गायत्री प्रसाद प्रजापति ने लखनऊ स्थित गौतमपल्ली आवास पर बुलाया. वहां चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया गया. इसके बाद वह अपना सुध-बुध खो बैठी. बेहोशी की हालत में मंत्री और उसके सहयोगी ने रेप किया था. इसका अश्लील वीडियो बनाते हुए तस्वीरें भी ली गई थीं.

गैंगरेप कर बनाया अश्लील वीडियो
पीड़िता का यह भी आरोप है कि अश्लील वीडियो और तस्वीरों के जरिए गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके सहयोगी साल 2016 तक उसे और उसकी बेटी को हवस का शिकार बनाते रहे. इससे तंग आकर उसने 7 अक्टूबर 2016 को थाने में तहरीर दी, लेकिन उस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी. इसके बाद पीड़िता सूबे के आलाधिकारियों से भी मिली थी.

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सुप्रीम कोर्ट के दर पहुंची थी पीड़िता
पुलिस से जब पीड़िता को इंसाफ नहीं मिला, तो उसने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. लेकिन वहां उसकी याचिका को खारिज कर दिया गया. इसके बाद भी पीड़िता हार नहीं मानी. वह सुप्रीम कोर्ट के दर पर पहुंची. सुप्रीम कोर्ट ने गायत्री प्रसाद प्रजापति को जोरदार झटका देते हुए पुलिस को निर्देश दिया कि इस मामले में केस दर्ज करके तेजी से जांच की जाए.

केस दर्ज होने के बाद आरोपी गिरफ्तार
सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद यूपी पुलिस ने समाजवादी पार्टी नेता गायत्री प्रजापति और उनके सहयोगियों अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास शर्मा, चंद्रपाल, रूपेश और आशीष शुक्ला के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 376डी, 511, 504, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कर लिया. यूपी सरकार को इस मामले में आठ हफ्ते में रिपोर्ट पेश करना का निर्देश मिला.

गायत्री को हो सकती है उम्रकैद की सजा
बताते चलें कि आईपीसी की धारा- 376 के तहत रेप का केस दर्ज होता है. इसमें आरोपी को 10 साल की कैद या उम्रकैद होती है. धारा- 376 डी के तहत गैंगरेप का केस दर्ज होता है, जिसमें उम्रकैद की सजा होती है. धारा- 511 के तहत अपराध की कोशिश, धारा- 504 के तहत किसी को अपमानित करने का केस दर्ज होता है. ऐसे में दो साल की सजा होती है.

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पॉक्सो एक्ट में सख्त सजा का प्रावधान
ऐसे मामलों में सबसे अहम पॉक्सो एक्ट होता है. इसके तहत किसी नाबालिग लड़की के साथ यौन अपराध के संबंध में केस दर्ज किया जाता है. नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है. इसमें 7 साल की सजा से लेकर उम्रकैद और जुर्माने का प्रावधान है. निर्भया कांड के बाद से इस कानून को लागू किया गया है.

 

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