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गाजीपुर में कूड़े के पहाड़ में लगी आग, धुएं से लोगों को सांस लेने में दिक्कत

पिछले महीने यहीं 60 मीटर ऊंचे कूड़े के पहाड़ का बड़ा हिस्सा ढह गया था. मलबे की चपेट में आए दो लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद एलजी ने यहां कूड़ा डालने पर रोक लगाई थी. कोंडली के लोगों का कहना है कि धुएं की वजह से वायु प्रदूषण काफी ज्यादा है, लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है.

कूड़े का ढेर बना मुसीबत का पहाड़ कूड़े का ढेर बना मुसीबत का पहाड़
पुनीत शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 11:47 AM IST

दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल साइट में मंगलवार को आग लगने से कोंडली और आसपास के इलाकों में धुआं फैल गया. इससे लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है. कई लोगों ने सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की. एक्सपर्ट्स की मानें तो साइट पर डाले जाने वाले कचरे में आग लगने से जो धुआं उठ रहा है, वह जहरीला भी हो सकता है.

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बता दें कि पिछले महीने यहीं 60 मीटर ऊंचे कूड़े के पहाड़ का बड़ा हिस्सा ढह गया था. मलबे की चपेट में आए दो लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद एलजी ने यहां कूड़ा डालने पर रोक लगाई थी. कोंडली के लोगों का कहना है कि धुएं की वजह से वायु प्रदूषण काफी ज्यादा है, लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है. उनका कहना है इस बात का दुख है कि कई बार शिकायतों के बावजूद हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

स्थानीय लोगों की शिकायत है कि यहां आए दिन कूड़े के पहाड़ में आग लगाई जाती है. चारों ओर धुंआ फैला रहता है. लोगों को काफी दिक्कत होती है. हालात यह हैं कि यहां के घरों में लोग अपनी बेटियों की शादी तक नहीं करना चाहते हैं.

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आपको बता दें कि दिल्ली के तीन बड़े लैंडफिल साइट में गाजीपुर सबसे पुराना है. यहां ईस्ट दिल्ली और आसपास के इलाकों से निकलने वाला करीब 2500 मैट्रिक टन कूड़ा रोज डाला जाता है. इस लैंडफिल साइट के लिए 20 मीटर ऊंचाई की अनुमति थी, लेकिन अब यह 60 मीटर ऊंचा हो चुका है.

कूड़ा डालने पर लगाई है रोक

दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल ने बीते दिन हुए हादसे के बाद ईडीएमसी और एनएचएआई के अफसरों के साथ मीटिंग की थी. एलजी ने गाजीपुर में कूड़ा फेंकने पर फौरन रोक लगाने का ऑर्डर दिया था.

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