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देश में विकास दर 2014-15 में 7.3 फीसदी रही, जो एक साल पहले 4.7 फीसदी थी. सेंट्रल स्टैटिसटिकल ऑर्गेनाइजेशन ने शुक्रवार को यह आंकड़ा जारी किया. सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर इससे पहले के लगातार दो साल में पांच फीसदी से कम रही थी.
जीडीपी से देश में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं की कुल कीमत का आंकलन होता है.
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के मुताबिक, 2011-12 के स्थिर मूल्य पर 2014-15 में जीडीपी का अनुमानित आकार 106.44 लाख करोड़ रुपये रहा, जो 2013-14 के 99.21 लाख करोड़ से 7.3 फीसदी अधिक है. वर्ष 2012-13 में देश की विकास दर 4.5 फीसदी थी.
ताजा आंकड़े के मुताबिक, 2014-15 की चौथी तिमाही में विकास दर 7.5 फीसदी रही, जो सितंबर-दिसंबर तिमाही में 6.6 फीसदी थी. विकास दर दूसरी तिमाही में 8.4 फीसदी और प्रथम तिमाही में 6.7 फीसदी रही थी.
जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2014-15 में देश के माइनिंग क्षेत्र की ग्रोथ 1.4 फीसदी रही. वहीं कृषि क्षेत्र की ग्रोथ 0.2 फीसदी रही. सर्विस सेक्टर में विकास दर 10.7 फीसदी रहा तो मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में 2.3 फीसदी से विकास हुआ.
गौरतलब है कि सेवा, विनिर्माण और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र के दम पर जीडीपी विकास दर 7.3 फीसदी रही. वहीं इस दौरान माइनिंग, कृषि सेक्टर ने निराश किया और इनमें विकास उम्मीद से सुस्त रहा.