
चीन से फैला कोरोना वायरस अब पूरी दुनिया में कहर बरपा रहा है. पर्यटन से लेकर अर्थव्यवस्था तक, हर क्षेत्र पर इस वायरस की मार देखी जा रही है. भारत भी इसकी चपेट से अछूता नहीं है. चीन पर दवाओं की सामग्री के आयात की ज्यादा निर्भरता होने की वजह से देश में जेनरिक दवाएं महंगी होने की संभावना है. यह आयात कोरोना वायरस के महामारी के कारण प्रभावित हुआ है.
भारत में आयात के ज्यादातर सामान चीन पर निर्भर होने का जिक्र करते हुए कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) ने अपनी रिपोर्ट 'नोवेल कोरोनावायस इन चीन' का प्रभाव में कहा है कि चार प्रांतों व चीन के करीब 50 शहरों में लॉकडाउन की वजह से भारतीय उद्योग पर काफी प्रभाव पड़ा है.
दुनिया से होने वाले आयात का 43 फीसदी भारत चीन से आयात करता है. भारत फार्मास्युटिकल अवयव का 65 से 70 फीसदी व कुछ मोबाइल फोन पुर्जो का लगभग 90 फीसदी चीन से आयात करता है. दुनिया के सबसे बड़े मैन्युफैक्चरर और निर्यातक चीन से भारत कुल इलेक्ट्रॉनिक्स का 45 फीसदी आयात करता है. इसमें मशीनरी का एक तिहाई और लगभग दो-तिहाई कार्बनिक रसायन और 25 फीसदी से अधिक ऑटोमोटिव पार्ट्स और उर्वरक हैं.
कोरोना वायरस कब हारेगा? चीन को संभलने में लग जाएगा लंबा वक्त
इन सेक्टर्स पर पड़ेगी मार
हालांकि, भारतीय अर्थव्यवस्था पर अब तक का समग्र प्रभाव 'मध्यम' है, लेकिन सीआईआई ने कहा है कि फार्मास्युटिकल्स, शिपिंग, ऑटोमोबाइल, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर पहले ही प्रभावित हो चुके हैं या उन पर प्रभाव पड़ने की संभावना है. भारतीय फार्मा उद्योग भारी मात्रा में थोक दवाओं (एक्टिव फार्मास्युटिकल इंटीग्रेंट एंड इंटरमीडिएट्स (एपीआई) के आयात के लिए चीन पर निर्भर है. देश में 70 फीसदी एपीआई चीन से आयात होता है. चीन से आयात पिछले कई वर्षों से लगातार बढ़ रहा है. भारत ने बीते साल 249 अरब रुपये के थोक दवाओं का आयात किया था, यह हमारे घरेलू खपत का कुल 40 फीसदी है. बीते साल भारत ने चीन से 174 अरब रुपये के एपीआई का आयात किया.
चीन की लैब में ही जन्मा जानलेवा कोरोना वायरस! ले चुका है 1800 जिंदगी
अब तक 1775 लोगों की मौत
चीन में कोरोना वायरस के कारण अब तक 1775 लोगों की मौत हो चुकी है. दुनिया के कई अन्य देशों जैसे ताइवान और फिलिपींस में भी कोरोना लोगों की जिंदगी लील चुका है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का संयुक्त विशेषज्ञ दल पेइचिंग पहुंच चुका है. यह दल चीन के संबंधित विभागों और विशेषज्ञों के साथ मुलाकात करेगा और नए कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए प्रयास करेगा.
चीन का मानना है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा समग्र विश्व के लिए चुनौती है, बिल्कुल जलवायु परिवर्तन मुद्दे की तरह. नए कोरोना वायरस महामारी से लोगों ने साफ देखा है कि हम एक दूसरे से जुड़े हैं. अब तक विश्व के 160 से अधिक देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने चीन का समर्थन जताया. दर्जन भर देशों की सरकारों और जनता ने चीन को राहत दी है.