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जर्मनी ने 20 साल पहले चोरी हुई दुर्लभ मूर्ति भारत को लौटाई

जर्मनी ने जम्मू-कश्मीर से दो दशक पहले लापता हुई दसवीं शताब्दी की दुर्गा की एक दुर्लभ मूर्ति भारत को सोमवार को लौटा दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल का आभार व्यक्त किया.

दो दशक पहले लापता हुई थी दुर्गा की दुर्लभ मूर्ति दो दशक पहले लापता हुई थी दुर्गा की दुर्लभ मूर्ति
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 अक्टूबर 2015,
  • अपडेटेड 12:21 AM IST

जर्मनी ने जम्मू-कश्मीर से दो दशक पहले लापता हुई दसवीं शताब्दी की दुर्गा की एक दुर्लभ मूर्ति भारत को सोमवार को लौटा दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल का आभार व्यक्त किया. जम्मू-कश्मीर के एक मंदिर से लापता हुई यह मूर्ति जर्मनी के एक संग्रहालय में पाई गई थी.

भारत की यात्रा पर आईं जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में मोदी को इस मूर्ति को सौंपा. दसवीं शताब्दी की दुर्गा की यह मूर्ति मर्हिषासुरमर्दिनी अवतार में है.

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मर्केल ने कहा, ‘यह (दुर्गा) बुराई पर विजय का प्रतीक है.’ सरकारी सूत्रों ने बताया कि मर्हिषासुरमर्दिनी को 1990 के दशक में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के एक मंदिर से चुरा लिया गया था. इस मामले में एक एफआईआर दर्ज की गई थी.

 

ASI के अधिकारियों को करना पड़ा जर्मनी का दौरा
वर्ष 2012 में एएसआई को खबर मिली कि यह मूर्ति जर्मनी में स्टटगार्ट के लिंडेल संग्रहालय में देखी गई है. इसके बाद केंद्र सरकार ने इसे वापस लाने की प्रक्रिया शुरू की और पिछले साल इस सिलसिले में एएसआई के दो अधिकारियों ने स्टटगार्ट का दौरा भी किया. इस मूर्ति के भारत के होने के साक्ष्य के रूप में एफआईआर को पेश किया गया और सरकार ने जर्मनी के संबंधित अधिकारियों के सामने इस मामले को रखा.

इस कुख्यात चोर पर था शक
आशंका है कि इस मूर्ति की विदेश में तस्करी किए जाने में भारतीय कलाकृतियों के कुख्यात सौदागर सुभाष कपूर का हाथ है. कपूर को 2011 में जर्मनी में गिरफ्तार किया गया था.

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- इनपुट भाषा

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