
पिछले कुछ दिनों में देश के कई हिस्सों में ऊंची बिल्डिंग गिरने की खबरों ने हर किसी को हैरान कर दिया है. रविवार को दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग गिरी जिसमें दो लोगों की मौत हो गई. अब इस मामले में एक बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ है.
बताया जा रहा है कि जो बिल्डिंग गिरी है उसके बारे में प्रशासन को करीब डेढ़ साल से पता था. प्रशासन को इस बिल्डिंग के बारे में पिछले साल फरवरी में ही बता दिया गया था. अवैध निर्माण होने के बावजूद प्रशासन यहां सोता रहा और सिर्फ नोटिस देने के अलावा कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया.
इस साल भी प्रशासन की तरफ से 13 फरवरी और 18 मई को नोटिस जारी किए गए थे. इसके अलावा जब बिल्डिंग गिरी उससे कुछ समय पहले ही वहां रहने वालीं 25 वर्षीय गीता ने बिल्डिंग में दरारें देखीं.
पुलिस ने इस सिलसिले में जो FIR दर्ज की है, उसमें धारा 304 बी, 308, 337, 338, 427 शामिल है. रविवार को गिरी इस इमारत में आठ साल के एक बच्चा समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इस बच्चे को पहले मलबे से निकाल लिया गया था, लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई.
कहा जा रहा है कि प्रसन्नजीत गौतम नाम के शख्स की ज़मीन है. बिल्डर मनीष गोयल नाम का शख्स है. दोनों ही अभी पुलिस की पंहुच से दूर हैं. इन दोनों के परिवार वालों को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.
मामले की जांच मेरठ के आईजी राम कुमार को सौंपी गई है. कुमार ने बताया कि इमारत के निर्माण से जुड़े लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद के एसएसपी को सख्त कार्रवाई करने को कहा है. सीएम की सख्ती के बाद दोषियों की गिरफ्तारी को पुलिस की चार टीमों का गठन कर दिया गया है.
इसी मामले में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अजीत कुमार की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है. मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 304, 308, 337, 338, 427 और 288 के तहत किशन पाल तोमर, मुकश और दिनेश समेत अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.