
गाजियाबाद में बदमाशों के हौसले इतने बुलंद हो चले हैं कि उन्होंने एक कारोबारी को लूट का विरोध करने पर सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी. इसके बाद बदमाश कारोबारी का बैग लेकर भाग गए. स्थानीय निवासियों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने केस दर्ज कर बदमाशों की तलाश शुरू कर दी है.
बदमाशों ने डेयरी का कारोबार करने वाले संजय सिंह को बिल्कुल नजदीक तीन गोलियां मारीं. स्थानीय लोगों ने घायल अवस्था में कारोबारी को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन रास्ते में ही संजय की मौत हो गई. सरेआम हुई इस लूट और हत्या के बाद इलाके के लोगों में पुलिस के खिलाफ बेहद गुस्सा है.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, गुरुवार की सुबह करीब 11.0 बजे 35 वर्षीय संजय अपनी बाइक से गिरी बाजार पहुंचे. बाजार में काफी भीड़ थी. वहां उन्होंने बैंक से कैश निकाला और बाइक से वापस अपनी डेयरी की तरफ चल दिए. थोड़ी ही दूरी पर एक बाइक पर सवार तीन बदमाशों ने उनका रास्ता रोक लिया.
बाइक पर पीछे बैठे बदमाश ने हाथ में पिस्तौल ले रखी थी, उसने संजय से बैग देने को कहा.लेकिन संजय बैग देने की बजाय वहां से भागने की कोशिश करने लगे. उन्हें लगा कि शायद भीड़ की वजह से वो लुटने से बच जाएं. पर बदमाश बेहद बेखौफ थे, उन्हें भीड़ का जरा भी डर नहीं था. उन्होंने संजय का पीछा किया और एक के बाद एक संजय को तीन गोलियां मारीं.
तीन गोली लगने से संजय वहीं गिर पड़े और लुढ़कते हुए सड़क किनारे नाली में जा गिरे. पीछे से उनकी बाइक भी उन्हीं पर गिर गई. इसके बाद बदमाशों ने आराम से संजय का बैग लिया और मौके से फरार हो गए. जाते-जाते बदमाशों ने लोगों को डराने के लिए भीड़ की तरफ भी पिस्टल लहराया.
बदमाशों के जाने के बाद लोगों ने पुलिस को कॉल किया और संजय को पास के अस्पताल ले गए. लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही संजय की मौत हो चुकी थी. डॉक्टरों ने संजय को मृत घोषित कर दिया. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की नाकामी की वजह से बदमाशों के हौसले इतने बुलंद हुए हैं.
वहीं पुलिस का कहना है कि वह मामले की जांच कर रही है और बदमाशों की तलाश में है. पुलिस को शक है कि बदमाश बैंक के बाहर से ही संजय के पीछे पड़ गए थे. शायद उन्हें पहसे से ही पता था कि संजय बैंक से बड़ी रकम निकालने वाले हैं. हालांकि अब तक यह साफ नहीं हो सका है कि संजय के पास कितना रुपया था.