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देश में पाकिस्तानी कलाकारों के कार्यक्रम रद्द करना या उसका विरोध करना इस साल का बड़ा मामला बन चुका है आए दिन कलाकार कौम इस मामले का विरोध करती नजर आ रही है. कभी अवॉर्ड वापिस किए जा रहें तो कभी अपने लेखन के जरिए इसका जमकर विरोध हो रहा है. आइए जानें इस पूरे मामले के बारे में:
इस साल 9 अक्टूबर को पाकिस्तान के गजल गायक गुलाम अली का मुंबई में कंसर्ट का आयोजन किया गया था. लेकिन शिवसेना के विरोध के बाद इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया. शिवसेना ने पाकिस्तान की ओर से लगातार गोलीबारी का विरोध करते हुए कॉन्सर्ट के आयोजकों को शो रद्द करने चेतावनी दी थी.गुलाम अली के कार्यक्रम के आयोजकों ने चेतावनी के मद्देनजर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. इसके बाद आयोजकों ने कार्यक्रम रद्द करने का फैसला किया.शिवसेना की फिल्म इकाई ‘चित्रपट सेना’ ने कार्यक्रम के आयोजकों को पत्र लिखकर कहा था कि अगर पाकिस्तानी गायक का कार्यक्रम रद्द नहीं किया गया, तो उसे शिवसेना और ‘देशभक्त जनता’ के गुस्से का सामना करना पड़ेगा.
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हालांकि बीजेपी ने इस मसले पर शिवसेना के रुख का समर्थन नहीं किया. बीजेपी ने गुलाम अली को 'शांति का दूत' करार देते हुए कहा है कि ऐसा दूत किसी सीमा में बंधा नहीं होता है. इस मामले कई दिग्गजों ने अपना अपना मत रखा:
गुलाम अली का विरोध उचित नहीं: नकवी
गुलाम अली के 9 अक्टूबर को मुंबई में होने वाले कार्यक्रम के विरोध को केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे अनुचित बताया. नकवी ने कहा, ‘यह उचित नहीं है. गुलाम अली शांति के दूत हैं. शांति के ऐसे दूत पर सीमाओं का बंधन नहीं होना चाहिए. जो लोग शांति का संदेश देते हैं, उनके लिए सीमाएं तय नहीं करनी चाहिए.’
जानें इस मामले पर गुलाम अली ने क्या कहा:
भारत में शो न होने पर गुलाम अली ने कहा, 'शो कैंसिल होने से मैं नाराज नहीं, दुखी हूं. शो प्रोग्राम कराने वालों ने ही कैंसिल किया.
गुलाम अली ने यह भी कहा कि ऊपर वाले ने चाहा तो दोबारा मौका मिलेगा हम अपने ऑडियंस को खुश करने की पूरी कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा उनकी तरफ से कंसर्ट रद्द नहीं किया गया. हालात ऐसे नहीं हैं कि मैं प्रस्तुति दूं. साथ ही कहा कि वह चाहते हैं कि भारत-पाक संबंध बेहतर हो.
जगजीत सिंह को अपना अच्छा भाई बताते हुए अली ने कहा कि जहां भी उन दोनों की मुलाकात हुई और उन्होंने कार्यक्रम पेश किया. अली ने कहा, हम एक थे. गुलाम अली ने आजतक से खास बातचीत यह भी कहा कि जब भी उनके प्रशंसक उन्हें प्यार से याद करते हैं, वह जाते हैं और कार्यक्रम पेश करते हैं. अली ने कहा, इस तरह के विवाद से लोगों के सुर खराब होते हैं. मैं गुस्सा नहीं हूं, मुझे चोट पहुंची है. प्यार में ऐसी चीजें नहीं होती. आखिर में उन्होंने इस पंक्तियों से अपनी बात खत्म की. 'मुद्दत हो गई हैं चुप रहते, कोई सुनता तो हम भी कुछ कहते'...
केजरीवाल सरकार ने गुलाम अली को दिया दिल्ली में कंसर्ट करने का न्योता
अरविंद केजरीवाल सरकार ने पाकिस्तानी गायक गुलाम अली को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कंसर्ट करने के लिए न्यौता दिया. उन्होंने कहा संगीत की कोई सरहद नहीं होती.'
दिल्ली के संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि पाकिस्तानी गायक का स्वागत है. वह दिल्ली आकर प्रस्तुति दें. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'दुखद है कि गुलाम अली को मुंबई में अनुमति नहीं मिली. मैं उन्हें दिल्ली आने और कंसर्ट करने का आमंत्रण देता हूं. संगीत की कोई सीमा नहीं होती.'
लेकिन यह मामला यही नहीं थमा नवंबर में गुलाम अली का दिल्ली-लखनऊ में शो होना था और अब वो भी रद्द हो गया.गुलाम अली ने खुद इस बात की पुष्टि की है और कहा कि सुरक्षा कारणों से वह वह भारत का अपना सारा प्रोग्राम कैंसल कर रहे हैं.
शिवसेना>एक इंटरव्यू के दौरान गुलाम अली ने कहा , 'मेरे नाम पर राजनीति हो रही है और मैं इससे आहत हूं. जब तक ये चीजें ठीक नहीं होती, तब तक मैं भारत नहीं जाऊंगा.' गजल गायक ने इसके पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है. इसके साथ ही तीन दिसंबर को उनका लखनऊ का शो भी रद्द हो गया है. इससे पहले शिवसेना के विरोध के कारण उनका मुंबई और पुणे का शो रद्द कर दिया गया था.
CM केजरीवाल ने दिया था दिल्ली में शो का आमंत्रण गौरतलब है कि पिछले महीने गुलाम अली का कार्यक्रम मुंबई में रखा गया था, लेकिन शिवसेना की धमकी के कारण उसे रद्द कर दिया गया था. इसके ठीक बाद पुणे में भी उनके कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था. तब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में शो के लिए आमंत्रित किया था. दिल्ली में 8 नवंबर को उनका कार्यक्रम होना था.
दूसरी ओर, यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी अक्टूबर में एक निजी मुलाकात के दौरान गुलाम अली को कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया था. इसके बाद तीन दिसंबर को लखनऊ में भी गजल गायक का एक कंसर्ट होना था, लेकिन अब उनके भारत यात्रा पर नहीं आने की घोषणा के बाद वह भी नहीं होगा.
शिवसेना ने गुलाम अली के पाकिस्तानी होने के कारण दिल्ली सरकार को भी धमकी दी थी और कहा था कि वह यह कार्यक्रम नहीं होने देगी.
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इस मामले में कई दिग्गजों ने क्या कहा:
1.अभिजीत ने गुलाम अली को कहा बेशर्म
सिंगर अभिजीत ने मुंबई और पुणे में पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली का कंसर्ट न कराए जाने का समर्थन किया है. अभिजीत ने ट्वीट कर पाकिस्तान, भारतीय राजनीतिक पार्टियों और मीडिया पर जमकर निशाना साधा.
अभिजीत ने पाकिस्तान के गुलाम अलीपर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों का कोई आत्मसम्मान नहीं होता और इनके पास आतंकवाद के अलावा कोई
काम नहीं है.
शिवसेना की धमकी के बाद आयोजकों द्वारा मुंबई और पुणे में पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली का कंसर्ट रद्द कर
दिया गया. शिवसेना ने सीमा पार से जारी गोलीबारी और मुठभेड़ के खिलाफ यह कदम उठाया. अभिजीत ने ट्वीट कर गुलाम अली को शादी का कव्वाल
कहा.
अभिजीत ने गुलाम अली को कहा बेशर्म एक ओर शिवसेना के इस कदम का जमकर विरोध हो रहा था, वहीं दूसरी ओर सिंगर अभिजीत ने इसका
समर्थन करते हुए कुछ राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ टिप्पणी की. उन्होंन कहा कि ऐसी राजनीतिक पार्टियां सिर्फ अपना फायदा लेना जानती हैं, आतंकवाद फैलाने वाले डेंगू के इन कलाकारों के खिलाफ कुछ नहीं
करतीं.
अभिजीत ने कहा कि भारत की राजनीतिक पार्टियां सिर्फ भौंकती हैं.
सिंगर ने मीडिया को आड़े हाथों लेते हुए एक भारतीय के तौर पर विचार करने की सलाह तक दे डाली.
अभिजीत ने कहा कि अपनी योग्यता के कारण नहीं बल्कि ये लोग पाकिस्तान के दलालों के कारण भारत आते हैं.
क्या 'हिंदू सऊदी' बन रहा है भारत: तसलीमा नसरीन
मशहूर पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली का मुंबई कंसर्ट के रद्द होने पर विवादित लेखिका तसलीमा नसरीन में आश्चर्य और दुख जताया. ट्विटर पर तसलीमा ने लिखा है कि क्या भारत 'हिंदू सऊदी' बन रहा है?