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कांग्रेस का केंद्र पर वार, गुलाम नबी बोले- पहली बार देखी 'मोटी चमड़ी' की सरकार

संसद का मानसून सत्र मंगलवार से शुरू हो रहा है, जबकि इससे ठीक पहले कांग्रेस ने सीधे शब्दों को केंद्र सरकार को चेतावनी दे डाली है. पार्टी ने कहा है कि संसद का चलना या ना चलना विपक्ष के हाथ में नहीं, लेकिन यदि ललित मोदी और व्यापम से जुड़े मंत्री और मुख्यमंत्रियों का इस्तीफा हो जाता है तो संसद का चलना आसान हो जाएगा.

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 11:33 PM IST

संसद का मानसून सत्र मंगलवार से शुरू हो रहा है, जबकि इससे ठीक पहले कांग्रेस ने सीधे शब्दों को केंद्र सरकार को चेतावनी दे डाली है. पार्टी ने कहा है कि संसद का चलना या ना चलना विपक्ष के हाथ में नहीं, लेकिन यदि ललित मोदी और व्यापम से जुड़े मंत्री और मुख्यमंत्रियों का इस्तीफा हो जाता है तो संसद का चलना आसान हो जाएगा.

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कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि आजाद भारत में इतनी मोटी चमड़ी की सरकार उन्होंने पहले कभी नहीं देखी है. आजाद ने कहा, 'मुझे पूरा विश्वास है कि जिस तरह वसुंधरा राजे और शि‍वराज सिंह चौहान को बीजेपी आलाकमान ने समन किया है, अब जनता की भावनाओं को देखते हुए दोनों से इस्तीफो लिया जाएगा. जिस तरह के मामले उनके खि‍लाफ हैं वैसे मामलों में कभी ऐसा नहीं हुआ है कि इस्तीफा नहीं हुआ हो.'

बीजेपी को अल्टीमेटम
गुलाम नबी आजाद ने बीजेपी को दो दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा, 'यदि बीजेपी सरकार इन मुद्दों पर एक से दो दिनों में फैसला करती है तो संसद का चलना आसान हो जाएगा.' उन्होंने कहा कि संसद का चलना नहीं चलना विपक्ष के हाथ में नहीं है. सरकार को चाहिए कि जन भावनाओं का खयाल रखे. हम सदन में सदन में ये मुद्दे जरूर उठाएंगे.

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आसाराम मामले में गवाहों की हत्या का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि यह दुखद है. हत्या क्यों हो रही है, इसकी जांच होनी चाहिए. मानसून सत्र में उम्मीद है कि प्रधानमंत्री ललितगेट और व्यापम मुद्दों में इस्तीफों की घोषणा करेंगे.

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