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गुलाम नबी आजाद बोले- घाटी में हालात बेहद खराब, लोगों को बोलने से लग रहा डर

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर के मौजूदा हालात पर चिंता जताई है. बुधवार को उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर में हालात बेहद खराब हैं. राज्य में पूरी तरह से संवैधानिक मशीनरी फेल है. घाटी में अभिव्यक्ति की आजादी खतरे में है. कश्मीर के लोग अपनी बात तक कहने में डर रहे हैं.

गुलाम नबी आजाद (फाइल फोटो) गुलाम नबी आजाद (फाइल फोटो)
aajtak.in
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  • 25 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 7:31 PM IST

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर के मौजूदा हालात पर चिंता जताई है. बुधवार को उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर में हालात बेहद खराब हैं. राज्य में पूरी तरह से संवैधानिक मशीनरी फेल है. घाटी में अभिव्यक्ति की आजादी खतरे में है. कश्मीर के लोग अपनी बात तक कहने में डर रहे हैं.

उन्होंने कहा, 'कश्मीर के दौरे से आकर जम्मू में बोले कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, 'कश्मीर और कश्मीरियों में काफी निराश और तनाव है. जम्मू में भी यही हालत है, सत्ताधारी पार्टी के 100-200 लोगों के अलावा कोई खुश नहीं है. प्रशासन का इतना आतंक मैंने दुनिया में कहीं नहीं देखा. लोकतंत्र नाम की राज्य में कोई चीज नहीं है.'

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू और कश्मीर अपने 6 दिवसीय दौरे के आखिर दिन कहा, 'मैंने दुनिया में कहीं भी प्रशासन का ऐसा आतंक नहीं देखा है. दर्जा बदले जाने के बाद राज्य में कहीं भी लोकतंत्र नहीं है. राज्य से यह खत्म हो चुका है.'

इससे पहले, उन्होंने तीन बार श्रीनगर पहुंचने की कोशिश की थी लेकिन प्रशासन ने हवाई अड्डे से उन्हें लौटा दिया था. उन्होंने कहा, 'दर्जा बदलने के साथ आवाजें भी दबा दी गई और अभिव्यक्ति की आजादी, प्रदर्शन की आजादी कहीं नहीं है.'

आजाद ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, 'अगर कोई बिजली-पानी की मांग को लेकर भी प्रदर्शन की बात कहता है, तो उससे सवाल होता है कि वह भारत में किस जेल में जाना चाहता है?' इससे पहले उन्हें कई इलाकों में रोके जाने के बाद कहा था, 'मैं जम्मू और कश्मीर में जिन स्थानों पर जाना चाहता था, उसके 10 फीसदी जगहों पर भी मुझे जाने से रोक दिया गया.'

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बार-बार रोके जाने के बाद आजाद ने कोर्ट का रुख किया और फिर उच्चतम न्यायालय ने 16 सितंबर को उन्हें जम्मू-कश्मीर जाने की अनुमति दी थी. सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने गुलाम नबी आजाद को राज्य के 4 जिलों, श्रीनगर, जम्मू, बारामुला और अनंतनाग में लोगों से मिलने की इजाजत दी थी. इसके बाद आजाद जम्मू-कश्मीर पहुंचे और लोगों से मुलाकात कर उनका हाल जाना.

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