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गोरखालैंड के समर्थन में उतरा ये इंडियन आइडल फाइनलिस्ट, लिखेगा गाना

प्रशांत तमांग नेपाली फिल्मों के जाने माने अभिनेता है. दार्जिलिंग में अशांति के चलते, तमांग कहते हैं, कि वे एक अलग राज्य के लिए "जोरदार समर्थन" में है. उन्होंने कहा कि वह गोरखालैंड के लिए एक गीत "लिखना और गाना" करने की योजना बना रहा है.

इंडियन आइडल 2007 के फाइनलिस्ट रहे प्रशांत तमांग इंडियन आइडल 2007 के फाइनलिस्ट रहे प्रशांत तमांग
केशवानंद धर दुबे
  • दार्जिलिंग,
  • 24 जून 2017,
  • अपडेटेड 10:42 AM IST

दार्जिलिंग में चल रहे विरोध प्रदर्शन थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. इसके चलते इंडियन आइडल 2007 के फाइनलिस्ट रहे प्रशांत तमांग ने अलग गोरखालैंड की मांग का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि उनकी सफलता में पहाड़ के लोगों का बहुत बड़ा योगदान है. दार्जिलिंग उनकी मातृभूमि है और वो अपनी मातृभूमि पर लाठिया बरसते नहीं देख सकते.

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बता दें कि प्रशांत तमांग नेपाली फिल्मों के जाने माने अभिनेता है. दार्जिलिंग में अशांति के चलते, तमांग कहते हैं, कि वे एक अलग राज्य के लिए 'जोरदार समर्थन' में है. उन्होंने कहा कि वह गोरखालैंड के लिए एक गीत लिखना और गाना करने की योजना बना रहा है. उन्होंने कहा कि, पहाड़ों में सभी ने उनका साथ दिया और उनके समर्थन में हजारों एसएमएस भेजे गए थे.

हासिल की प्रसिद्धि की ऊंचाई
इंडियन आइडल में उनकी सफलता ने तमांग को प्रसिद्धि की ऊंचाई पर पहुंचा दिया. वह दुनिया के दौरे पर गए. उनकी दो एल्बमों को जारी किया गया. बता दें कि उन्होंने आधा दर्जन नेपाली फिल्मों में काम किया. बाद में वह नेपाल और फिर कोलकाता चले गए. तमांग और उसकी मां हाल ही में अपनी पत्नी के साथ दिल्ली में शिफ्ट हो गए है.

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उन्होंने कहा कि मुझे दुख हो रहा है. क्या दार्जिलिंग एक युद्ध क्षेत्र है? या सीमा? सेना और केंद्रीय बलों को वहां क्यों भेजा जा रहा है? गोरखालैंड के लिए संघर्ष रोका नहीं जा सकता. क्या आप चुप रहेंगे अगर आपकी मां पर लाठीचार्ज हो रहा हो?

तमांग का परिवार भी गोरखालैंड के समर्थन में
उनकी बहन सहित कई परिवार के सदस्य अब भी दार्जिलिंग में हैं. तमांग की बड़ी बहन अनुपमा गुरुंग ने दार्जिलिंग में अपने घर में कहा था कि रिएलिटी शो में उनके भाई की जीत ने न केवल अपना जीवन बदल दिया. उनकी बहन अनुपमा का कहना हैं, 'हम राजनीति को नहीं समझते, लेकिन हम एक अलग राज्य की मांग के साथ हैं.'

बता दें कि पूरे बंगाल के स्कूलों में बंगाली पढ़ाए जाने को अनिवार्य किए जाना और नए राज्य की मांग के कारण हिंसा भड़की थी. इस वजह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दौरे के खिलाफ गोरखा जनमुक्ति मोर्चा पूरे पहाड़ी इलाके में विरोध प्रदर्शन कर रही है.

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