
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ग्लोबल मार्केट में मंदी की वजह से घरेलू बाजार पर जो असर पड़ा है उससे भारत को घबराने की कोई जरूरत नहीं है, बल्कि सुधारों में तेजी लाकर इस संकट को अवसर में बदला जा सकता है.
जेटली ने सोसायटी ऑफ इंडियन लॉ फर्म्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सवालिया लहजे में कहा, "क्या हम इसे (बाजार संकट) अवसर में बदल सकते हैं? अब हम ऐसा कर सकते हैं? सुधार कार्यक्रम में हमसे जहां कमियां रह गईं, क्या हम उनमें तेजी ला सकते हैं? क्या हम अपने व्यय को बढ़ा सकते हैं?"
गौरतलब है कि सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में एक दिन में सर्वाधिक 1624.51 अंक की गिरावट दर्ज की गई. सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया भी दो वर्ष के न्यूनतम स्तर 66.47 रुपये प्रति डॉलर पर चला गया.
जेटली ने कहा कि पिछले कुछ सालों में पूरी दुनिया में जितना विकास हुआ उसका आधा अकेले चीन के कारण हुआ और अब चीन उत्पादन से सेवा क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है.
उन्होंने कहा, "अब उनकी कम कीमतों वाले उत्पादों की बिक्री नहीं हो रही. उन्होंने अतिरिक्त मात्रा में उत्पादन कर दिया है और अब आगे वे सेवा देने की स्थिति में नहीं हैं. अब वे निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था से उपभोक्ता आधारित अर्थव्यवस्था की ओर जा रहे हैं."