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गोवा: रेप पीड़िता नाबालिग बोली- सौतेली मां ने मुझे 50 लाख में विधायक को बेचा था

नाबालिग से रेप के आरोपी गोवा के विधायक बाबुल मोंसेरेट ने गुरुवार को गोवा पुलिस की क्राइम ब्रांच के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. उनके खिलाफ बुधवार को रेप केस दर्ज किया गया था. बताया जाता है कि लड़की पहले इस विधायक के यहां काम करती थी.

रोहित गुप्ता/मयूरेश गणपतये
  • पणजी,
  • 05 मई 2016,
  • अपडेटेड 10:12 AM IST

नाबालिग से रेप के आरोपी गोवा के विधायक बाबुल मोंसेरेट को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में पीड़िता की मां को भी गिरफ्तार किया गया है. दोनों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा. उनके खिलाफ बुधवार को रेप केस दर्ज किया गया था. पुलिस ने दावा किया है कि मोंसेरेट ने इस 16 वर्षीय लड़की को उसकी सौतेली मां से 50 लाख रुपये में खरीदा था.

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मेरे साथ कई बार बलात्कार हुआ
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पीड़ि‍ता ने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सामने दावा किया था कि मोंसेरेट ने उसे उसकी सौतेली मां से 50 लाख रुपये में खरीदा था. पीड़िता ने यह भी बताया कि विधायक ने उसके साथ कई बार बलात्कार किया था.

पुलिस ने किन धाराओं में दर्ज किया केस
-धारा 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना)
-धारा 328 (चोट पहुंचाना)
-धारा 370 (जबरन रोकना)
-धारा 376 (रेप) और यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम और गोवा बाल अधिनियम.

विधायक का दावा- लड़की ने काउंटर से चुराए थे पैसे, इसलिए नौकरी से निकाला था.
विधायक ने कहा, 'मैंने इस लड़की को मेरे हॉलमार्क स्टोर में काम करवाने के लिए रखा था, क्योंकि उसके मां-बाप मेरे पास नौकरी की तलाश में आए थे. लेकिन उसने काउंटर से कुछ पैसे चुराए थे और मैंने उसे नौकरी से निकाल दिया था. यह शिकायत झूठी है. मेरे उसके साथ अंतरंग संबंध होने का सवाल ही नहीं उठता.'

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मोंसेरेट ने कहा कि उनके खिलाफ दर्ज शिकायत एक राजनीतिक षड्यंत्र का नतीजा है. उन्होंने यह भी कहा कि किसी के कहने पर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

विवादों में रहने वाले विधायक हैं मोंसेरेट
मोंसरेट पर इस बार तो बहुत गंभीर आरोप लगा है, लेकिन वो लंबे समय से विवादों में रहे हैं. जानिए कैसे वो विवादों में रहे...
-2010 तक कांग्रेस में रहे मोनसराटे को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रतापसिंह राणे ने अपनी कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया था क्योंकि उन पर जमीन माफियाओं के फायदे को देखते हुए एक डेवलपमेंट प्लान बनाने का आरोप था.
-2008 में मोंसेरेट ने भीड़ के साथ मिलकर पणजी स्टेशन को जलाने की कोशिश की थी.
-गोवा पुलिस ने उनके खिलाफ दंगे भड़काने और आगजनी के मामले में चार्जशीट भी दाखिल की थी.

इनपुट: PTI

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