
सेक्स स्कैंडल और अपने विवादित बयानों के कारण चर्चा में रहने वाले स्वामी नित्यानंद फिर से चर्चा में हैं. पूर्व साधक के अपनी 2 बेटियों के लिए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद अब स्वामी नित्यानंद ने ट्विटर पर वीडियो जारी कर अपनी सफाई दी और दावा किया कि उन पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं.
पीड़ित माता-पिता के जरिए मंगलवार को गुजरात हाईकोर्ट में दाखिल की गई हैबियस कॉर्पस की याचिका पर आज बुधवार को सुनवाई होनी है.
कोर्ट की सुनवाई से पहले अहमदाबाद पुलिस ने स्वामी नित्यानंद केस में आश्रम की 2 संचालिका प्राणप्रिया और प्रियतत्व को गिरफ्तार कर लिया है. इन संचालिकाओं पर नाबालिग बच्चों के शारीरिक टॉर्चर करने का आरोप है.
ट्विटर के जरिए दी सफाई
ट्विटर पर वीडियो के जरिए सफाई देते हुए स्वामी नित्यानंद ने कहा, 'गुजरात में मेरे इन दोनों साधकों को परेशान किया गया, लेकिन उन्होंने मेरा साथ नहीं छोड़ा और वो मेरा साथ देते गए. इसलिए मैं उनका शुक्रगुजार हूं, लेकिन परिवारवालों की ओर से मुझ पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वो बेबुनियाद हैं.
उन्होंने कहा कि आश्रम में तत्वप्रिया का अपना स्थान हैं, वो यहां पर साधिका हैं. जैसे कैलाश में शिव के लिए कायकालम में साधक मिलते थे वैसे ही मुझसे मिलने के लिए साधक तत्वप्रिया का सहारा लेते हैं.
स्वामी नित्यानंद का यह भी कहना है कि मीडिया उनके बारे में जो भी बातें कह रही है, वो सभी झूठी हैं. बार-बार उनका नाम इस तरह के मामलों में उछाला जा रहा है.
यही नहीं अहमदाबाद में जिस हाथीजन इलाके में नित्यानंद का आश्रम चल रहा है, वो जगह डीपीएस स्कूल कैंपस की है, जिसको लेकर खासा विवाद भी हुआ था. गुजरात एजुकेशन डिपार्टमेंट ने स्कूल को नोटिस भी थमाया था कि वो कैसे एक स्कूल के अंदर किसी संस्था को आश्रम बनाने के लिए दे सकती है.
जांच के लिए एसआईटी
इस पूरे मामले में गुजरात डीजीपी के जरिए जांच के लिए एसआईटी भी गठित की गई है, तो वहीं राज्य सरकार अहमदाबाद ग्रामीण के एसपी और डीआईजी से भी इस पूरे मामले में जांच की प्रगति रिपोर्ट ले रही है.
यह विवाद तब सामने आया जब एक माता-पिता स्वंयभू बाबा स्वामी नित्यानंद के कब्जे से अपनी दो बेटियों की कस्टडी लेने के लिए अदालत की शरण में चले गए. अहमदबाद स्थित गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जनार्दन शर्मा और उनकी पत्नी ने अदालत से गुहार लगाई है कि उन्हें उनकी बेटियों से नहीं मिलने दिया जा रहा है.
माता-पिता ने कल मंगलवार को गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और हैबियस कॉर्पस की याचिका पर आज बुधवार को सुनवाई होनी है.
कब कराया था दाखिला
याचिकाकर्ता जनार्दन शर्मा और उनकी पत्नी ने गुजरात हाईकोर्ट से कहा कि उन्होंने साल 2013 में अपनी चार बेटियों को बेंगलुरु स्थित स्वामी नित्यानंद के शैक्षणिक संस्थान में दाखिला कराया था. तब उनकी बेटियां 7 से 15 साल की थीं.
जनार्दन शर्मा का कहना है कि एक दिन उन्हें पता चला कि उनकी बेटियों को नित्यानंद ध्यानपीठम की दूसरी शाखाओं में शिफ्ट कराया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक इनकी बेटियों को अहमदाबाद के दिल्ली पब्लिक स्कूल में स्थित योगिनी सर्वज्ञपीठम में शिफ्ट किया जा रहा था. इस दौरान जब जनार्दन शर्मा अपनी पत्नी समेत अपनी बेटियों से मिलने पहुंचे तो उन्हें वहां नहीं जाने दिया गया.
बालिग बेटियों का वापस आने से इनकार
बाद में जनार्दन अपनी पत्नी के साथ स्थानीय पुलिस की मदद से योगिनी सर्वज्ञपीठम में गए और अपनी 2 नाबालिग बेटियों को वहां से लाने में कामयाब रहे, लेकिन उनकी दो बालिग बेटियों ने वहां से आने से इनकार कर दिया. एक लड़की की उम्र 21 साल है जबकि दूसरी लड़की 18 साल की है.
माता-पिता का आरोप है कि उनकी 2 नाबालिग बेटियों को सप्ताह तक अवैध तरीके से रखा गया और उन्हें सोने नहीं दिया गया. इस मामले में स्कूल के पदाधिकारियों के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया गया है.