
हाल ही में निर्देशक अपूर्वा लाखिया की फिल्म 'हसीना पारकर' रिलीज हुई थी. ये फिल्म भारत के मोस्ट वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के जीवन पर आधारित है. हसीना पारकर वो नाम है जो 1991 के बाद मुंबई में दहशत का दूसरा नाम बन गया था. हसीना पार्कर यानी दाऊद इब्राहिम की बहन और इब्राहिम इस्माइल पारकर की पत्नी, लेकिन हसीना इन दोनों के अलावा भी बहुत कुछ थीं. हसीना को मुंबई की गॉडमदर के नाम से भी जाना जाता था.
ऐसे बनी गॉडमदर
अंडरवर्ल्ड की रिपोर्टिंग करने वाले हुसैन जैदी ने अपनी किताब 'माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई' में हसीना पारकर को लेकर कई खुलासे किए हैं. दाऊद की बहन असल में दक्षिण मुंबई की रानी थी. कई इलाकों में उनका ऐसा दबदबा था कि उनकी मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता था. हसीना को 'गॉडमदर' के नाम से भी बुलाया जाता था.
पति की हत्या के बाद बनी डॉन
हसीना का नाम नागपाड़ा की 'गॉडमदर' 1991 के बाद पड़ा. इससे पहले हसीना का जुर्म से सीधे तौर पर कोई नाता नहीं था. फिर 1991 में उनके पति इब्राहिम पारकर की हत्या हुई. जुलाई 1991 में अरुण गवली ने अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए दाऊद के बेहनोई इब्राहिम को मार दिया था. इसी हत्या का बदला लेने के लिए दाऊद ने जेजे हॉस्पिटल में शूटआउट करवाया था. इस हादसे के बाद हसीना ने जुर्म की दुनिया में कदम रखा.
ऐसे पाया मनपंसद घर
हसीना ने अपना नया आशियाना बनाया. मुंबई के नागपाड़ा इलाके की गॉर्डन हॉल नामक बिल्डिंग में शिफ्ट हुईं. कहा जाता है कि हसीना को ये घर इतना पसंद आया था कि उन्होंने सिर्फ घर का ताला तोड़कर उसमें रहना शुरू कर दिया था. इस मामले में किसी ने उनके खिलाफ कोई शिकायत भी नहीं की थी.
विधवा होने के बाद छेड़ी गैंगवॉर
दाऊद के 10 भाई-बहनों में हसीना का नंबर सातवां था. गार्डन हॉल इमारत के एक शानदार फ्लैट में रहने वाली हसीना ही दाऊद की बेनामी संपत्तियों की देखरेख करती थी. तीन बच्चों की मां हसीना के नाम करोड़ों की प्रॉपर्टी है. अंडरवर्ल्ड में गैंगवॉर की शुरुआत हसीना के विधवा होने से ही मानी जाती है. अरुण गवली ने हसीना के पति की हत्या करवाई, इसके बाद दाऊद ने बहनोई की मौत का बदला लेने के लिए गवली के शूटर की हत्या करवाई और इसके बाद दोनों गुट आपस में भिड़ गए और दोनों गुटों के कई लोग मारे गए.
दहशत का दूसरा नाम था हसीना
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार हसीना कई गैरकानूनी कामों में शामिल थीं. इसके साथ-साथ अपने आस-पास के लोगों के लिए वो किसी गॉडमदर से कम नहीं थीं. एक लोकल दुकनदार के हिसाब से हसीना आपा ने उसकी मदद की उसकी भागी हुई बहन को वापस लाने में. इस काम को करने के लिए हसीना ने खुद फोन किया था. हसीना का नाम झोपड़ पट्टियों के धंधे, फिल्मों के लिए एक्सटॉर्शन और विदेशों में रिलीज के राइट्स को लेकर मोलभाव करना, हवाला रैकेट, केबल ऑपरेटर्स का धंधा और फिरौती जैसे कामों के लिए मशहूर था, लेकिन इसके बावजूद आजतक हसीना के खिलाफ सिर्फ एक ही एफआईआर दर्ज हुई है.
दाऊद की बात भी नहीं मानी
पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक हसीना अपने भाई की 54 बेनामी प्रॉपर्टी की देखरेख करती थी. नागपाड़ा में 6 होटल, पीर खान रोड में गुड लक लॉज आदि शामिल हैं. सूत्रों की मानें तो हसीना की नजर स्लम रीडवलपमेंट अथॉरिटी (SRA) के प्रोजेक्ट पर पड़ी. इसी मामले में हसीना के खिलाफ एक शिकायत भी दर्ज हुई थी. दाऊद अपनी बहन के इस बिजनेस से खुश नहीं था. दाऊद ने इसके लिए हसीना को मना भी किया था, लेकिन हसीना नहीं मानी. हसीना प्रॉपर्टी के मसले भी सुलझाने लगीं. इसके लिए वो भारी कमीशन लेती थीं.
जनाजे में उमड़े थे हजारों लोग
हुसैन जैदी को दिए एक इंटरव्यू में हसीना ने कहा था कि उनका भाई दाऊद बुरा है लेकिन इतना भी नहीं जितना उसे बना दिया गया है. हसीना के हिसाब से दाऊद के खिलाफ कई झूठे केस भी लगे थे. हसीना पार्कर की शख्सियत एस दबंग महिला की थी. गैंग को चलाने वाली. लाखों लोगों की गॉडमदर की थी. हसीना की 2014 में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी और उनकी अंतिम यात्रा में 5 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए थे.