
यूपी के बिजनौर के रहने वाले गोल्ड मेडलिस्ट स्क्वॉश खिलाड़ी रवि दीक्षित अपनी किडनी की नीलामी करने को मजबूर हैं. उन्होंने फेसबुक पर अपनी किडनी की कीमत 8 लाख रुपये तय की है और लोगों से बोली लगाने को कहा है.
20 साल के रवि दीक्षित अगले महीने होने वाले साउथ एशियन गेम्स में हिस्सा लेना चाहते हैं लेकिन उनको कोई प्रायोजक नहीं मिल रहा है. रवि ने अपनी किडनी बेचने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है और लोगों से किडनी के लिए बोली लगाने को कहा है.
फेसबुक पर बयां की अपनी कहानी
रविवार को स्कवॉश खिलाड़ी रवि ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि 'वे बीते 10 साल से स्कवॉश खेल रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कई मेडल जीते और भारत का कई बार प्रतिनिधित्व भी किया, लेकिन अब उन्हें अपने खेल को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए फंड नहीं मिल रहा है. रवि ने अपने फेसबुक पोस्ट में बताया कि 'धमपुर शुगर मिल' ने उनकी मदद की लेकिन वे कितने समय तक उनकी मदद कर पाते? अगले महीने गुवाहाटी में साउथ एशियन गेम्स की शुरुआत होनी है और वे भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. लेकिन इन खेलों के कैंपेन के लिए उनके पास पैसे नहीं है. इसलिए वे अपनी किडनी बेचने को तैयार हैं. अगर किसी को जरूरत है तो वे उनसे संपर्क करें. उनकी किडनी की कीमत 8 लाख रुपये है.'
गैरकानूनी है रवि का किडनी बेचना
रवि का किडनी बेचना गैरकानूनी है. इसलिए रवि के माता-पिता भी उनके इस कदम से चिंतित हैं. रवि फिलहाल अगले महीने के खेलों की तैयारी के लिए चेन्नई में हैं. लेकिन उनकी मां का कहना है कि उन्होंने फोन पर अपने बेटे को ऐसा कदम न उठाने की सलाह दी है. ऐसा करने से रवि का करियर तो खराब होगा ही उनकी निजी जिंदगी भी परेशानी भरी रहेगी. रवि के पिता धमपुर शुगर मिल में ही चौथी श्रेणी के कर्मचारी हैं. ऐसे में वे अपने बेटे के खेल का खर्चा नहीं उठा सकते हैं.
कुछ लोगों ने बढ़ाए मदद के हाथ
धमपुर शुगर मिल के विजय गुप्ता का कहना है कि रवि के इस कदम से हम वाकई हैरान हैं. वे आगे भी उसकी मदद करेंगे. एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक रवि को कुछ नेताओं ने भी मदद का आश्वासन दिया है. उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री मूलचंद के मुताबिक रवि एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं. वे इस मामले को यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक ले जाएंगे और जितना संभव हो सकेगा उतनी मदद करेंगे. वहीं धमपुर से बीजेपी विधायक अशोक कुमार राणा ने राज्य सरकार के खेल के प्रति रवैये की आलोचना की है.
प्रियंका झा