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कोहली से प्रेरणा लेकर इस गोल्फर ने जीता अपना तीसरा एशियाई टूर का खिताब

गोल्फर शिव कपूर ने कहा कि पैनासोनिक ओपन इंडिया में उन्होंने अपना तीसरा एशियाई टूर खिताब जीतने से पहले टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली से प्रेरणा ली.

कोहली की फिटनेस से गोल्फर शिव कपूर ने ली प्रेरणा कोहली की फिटनेस से गोल्फर शिव कपूर ने ली प्रेरणा
विश्व मोहन मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 2:56 PM IST

टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली अपनी फिटनेस को उस मुकाम पर ले गए जिससे वह दूसरों के लिए एक उदाहरण बन गए हैं. गोल्फर शिव कपूर ने कहा कि पैनासोनिक ओपन इंडिया में उन्होंने अपना तीसरा एशियाई टूर खिताब जीतने से पहले टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली से प्रेरणा ली.

इस गोल्फर ने संयुक्त रूप से शीर्ष पर रहते हुए चार अंडर 68 का कार्ड खेलकर दिल्ली गोल्फ कोर्स में तीन स्ट्रोक से जीत दर्ज की थी.

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शिव कपूर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टी-20 में कोहली की शानदार पारी उदाहरण देते हुए कहा कि, ‘मैं कल क्रिकेट देख रहा था और जब कोहली बल्लेबाजी के लिए उतरे और मैंने कहा कि आपका जज्बा ऐसा ही होना चाहिए. वह पहली गेंद से ही हावी हो जाता है और सारा दबाव उन्हीं पर था और मैंने खुद को ऐसा ही संदेश देने की कोशिश की.’

कपूर ने कहा कि उनका लक्ष्य अगले डेढ़ महीने में यो-यो फिटनेस टेस्ट पास करके 2020 में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करना है. यो-यो फिटनेस टेस्ट पास करना सभी क्रिकेटरों के लिए जरूरी है जो भारतीय क्रिकेट टीम में खेलना चाहते हैं.

इस गोल्फर ने कहा, ‘मेरा लक्ष्य फिट रहना और टोक्यो ओलंपिक के लिए तैयार होना है. फिटनेस इसमें अहम भूमिका निभाएगा. मैं निखिल चोपड़ा के साथ प्रो एम खेल रहा था. मैंने उनसे कहा, मेरा लक्ष्य 18 महीनों में यो-यो फिटनेस टेस्ट पास करना है और केवल तभी मुझे पता चल जाएगा कि मैं खेलने के लिए फिट हूं.’

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आपको बता दें कि यो-यो टेस्ट में कई 'कोन' की मदद से 20 मीटर की दूरी पर दो पंक्तियां बनाई जाती हैं. एक खिलाड़ी रेखा के पीछे अपना पांव रखकर शुरुआत करता है और निर्देश मिलते ही दौड़ना शुरू करता है. खिलाड़ी लगातार दो लाइनों के बीच दौड़ता है और जब बीप बजती है तो उसने मुड़ना होता है.

हर एक मिनट या इसी तरह से तेजी बढ़ती जाती है. अगर समय पर रेखा तक नहीं पहुंचे तो दो और 'बीप' के अंतर्गत तेजी पकड़नी पड़ती है. अगर खिलाड़ी दो छोरों पर तेजी हासिल नहीं कर पाता है तो परीक्षण रोक दिया जाता है. यह पूरी प्रक्रिया सॉफ्टवेयर पर आधारित है, जिसमें नतीजे रिकॉर्ड किए जाते हैं.

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