
यूरोपियन यूनियन (EU) के एंटीट्रस्ट रेग्युलेटर्स अल्फाबेट की इकाई ने गूगल पर 2.7 अरब डॉलर यानी करीब 17,400 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया है. गूगल पर ये पेनल्टी कंपनी की ओर से सर्च रिजल्ट्स में मिली गड़बड़ी के चलते लगाई गई है.
यूनियन ने पाया कि गूगल ने अपने सिस्टम में ऐसी तकनीकी तौर पर हेराफेरी की है, जिससे सर्च रिजल्ट्स में गूगल की ही शॉपिंग सर्विस सर्च में मुख्य तौर पर नजर आता है. दूसरी तरफ बाकी वेबसाइट्स को पीछे रखने की कोशिश की जा रही है.
यूरोपियन प्रतिस्पर्धा कमीशन के हेड मार्गरेथ वेस्टगेर ने कहा कि गूगल ने दुनिया के सबसे पॉपुलर सर्च इंजन होने के नाते अपने बाजार वर्चस्व का गलत इस्तेमाल किया है और अपनी ही शॉपिंग सर्विस को अवैध तरीके से फायदा पहुंचाया है. वेस्टगेर ने एक बयान में कहा कि गूगल ने जो किया वह EU के एंटीट्रस्ट नियमों के खिलाफ है. इसने बाकी कंपनियों को मेरिट और इनोवेशन के आधार पर कॉम्पिटिशन का मौका देने से इनकार किया.
इससे भी जरुरी ये है कि इसने यूरोपियन कस्टमर्स को सेवाओं के वास्तविक विकल्प उपलब्ध कराने और उन तक इनोवेशन के पूरे लाभ को पहुंचाने से इनकार किया.
यूरोपियन यूनियन में चले किसी एंटीट्रस्ट केस में ये पहला मौका है, जब किसी कंपनी पर इतना बड़ा फाइन लगाया गया है. ये फाइन 7 साल तक चली लंबी जांच के बाद लगाया गया है. गूगल के खिलाफ शिकायत येल्प, ट्रिपएडवाइजर, फाउंडेम, न्यूज कॉर्प और फेयरसर्च जैसी कंपनियों ने की थी.