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GoogleForIndia: स्लो इंटरनेट स्पीड और एंट्री लेवल स्मार्टफोन्स के लिए खास Google Go ऐप लॉन्च

Google Go ऐप प्ले स्टोर पर 5 दिसंबर से उपलब्ध होगा यानी आज से ही इसे आप यूज कर पाएंगे. फिलहाल कंपनी ने भारत और इंडोनेशिया के यूजर्स के लिए इस ऐप का प्रीव्यू वर्जन ही जारी किया है.

Google Go Google Go
Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:55 PM IST

गूगल ने भारत में GoogleForEvent के दौरान Google Go का ऐलान कर दिया है. Google Go एक नया ऐप है जिसे खास तौर पर भारत और इंडोनेशिया के यूजर्स के लिए बनाया गया है. यह इस्तेमाल करने में आसान है और खास बात ये है कि यह एंट्री लेवल या सस्ते स्मार्टफोन्स पर तेजी से काम करता है. इंटरनेट कनेक्शन स्लो है फिर भी इससे आप आसानी से सर्च कर सकते हैं.

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गूगल गो ऐप प्ले स्टोर पर 5 दिसंबर से उपलब्ध होगा यानी आज से ही इसे आप यूज कर पाएंगे. फिलहाल कंपनी ने भारत और इंडोनेशिया के यूजर्स के लिए इस ऐप का प्रीव्यू वर्जन ही जारी किया है. कंपनी के मुताबिक अगले साल यह Android Go एडिशन वाले स्मार्टफोन में दिया जाएगा.

सर्च करना होगा इससे और भी आसान

कंपनी का कहना है कि जो कस्टमर इंटरनेट पर नए हैं उन्हें ये नहीं पता होता है कि वो क्या सर्च करें और छोटे स्मार्टफोन में टाइप करना भी थोड़ा मुश्किल होता है. इसलिए कंपनी ने इस ऐप में टैप फर्स्ट यूजर इंटरफेस दिया है जिसके जरिए इस ऐप पर क्लिक करते ही आपको ये पता चलेगा कि आप क्या सर्च कर सकते हैं. इसमें ताजा खबरों से लेकर कई तरह की जानकारियां शामिल हैं.

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कम रैम वाले स्मार्टफोन्स के लिए खास तौर पर बनया गया है

Google Go को कंपनी ने एंट्री लेवल या सस्ते स्मार्टफोन्स के लिए डिजाइन किया है. इस ऐप का साइज सिर्फ 5MB है और यह सर्च करने पर 40 फीसदी कम डेटा की खपत करता है. इसके लिए इसमें कंपनी ने एडवांस्ड कंप्रेशन टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल किया है . अगर आप 2G इंटरनेट यूज कर रहे हैं फिर भी यह ऐप आपके लिए बेहतरीन काम करेगा. इंटरनेट न होने की स्थिति में आप सर्च कर सकते हैं और जैसे ही कनेक्टिविटी मिलेगी वैसे ही आपको उसका रिजल्ट मिलेगा.

Google Go में कई भाषाओं का सपोर्ट दिया गया है

Google Go  इंग्लिश के सात 10 भारतीय भाषाओं में काम करता है जिनमें हिंदी, बंगाली, गुजराती, मराठी, मलयालम, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू शामिल हैं. अगर आप दो भाषा- इंग्लिश और हिंदी में सर्च करते हैं तो दोनों को सेट कर सकते हैं ताकि स्विच करने में आसानी होगी.

आपको बता दें कि गूगल एक तरह से लाइट वर्जन ऐप का इकोसिस्टम तैयार कर रहा है जिसे खास तौर पर उन देशों में पेश किया जा रहा है जहां इंटरनेट स्लो है.  

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