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गूगल ने लॉन्च किया Titan Security Key, क्या है इसमें खास

गूगल की यह टाइटन सिक्योरिटी की दो वेरिएंट में उपलब्ध होगी. एक वेरिएंट में ब्लूटूथ और एनएफसी का सपोर्ट दिया गया है. यह टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन मोबाइल डिवाइस के लिए होगा.

गूगल सिक्योरिटी की गूगल सिक्योरिटी की
Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 26 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 6:27 PM IST

गूगल ऑनलाइन अटैक्स से बचने के लिए सिक्योरिटी की लॉन्च की है. कंपनी के मुताबिक यह सिक्योरिटी की एंटरप्राइज कस्टमर्स को साइबर अटैक से बचाएगी. फिलहाल टाइटन सिक्योरिटी की शुरुआती दौर में क्लाउड कस्टमर्स के लिए उपलब्ध होगी. इसकी बिक्री आने वाले समय में गूगल स्टोर के जरिए की जाएगी.

गूगल की यह टाइटन सिक्योरिटी की दो वेरिएंट में उपलब्ध होगी. एक वेरिएंट में ब्लूटूथ और एनएफसी का सपोर्ट दिया गया है. यह टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन मोबाइल डिवाइस के लिए होगी. जबकि दूसरे में यूएसबी पोर्ट दिया गया है जो कंप्यूटर और लैपटॉप के लिए होगा.

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हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी कि गूगल फिजिकल Security Keys की वजह से एक साल में 85 हजार गूगल के कर्माचरी फिशिंग अटैक बचे हैं. टाइटन सिक्योरिटी की में गूगल द्वारा तैयार किया गया फर्मवेयर दिया गया है. गूगल क्लाउड के प्रोडक्ट मैनेजमेंट डायरेक्टर जेनिफर लिन ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा है, ‘हम काफी पहले से मजबूती से सिक्योरिटी की के इस्तेमाल करने की वकालत करते आए हैं, खासकर क्लाउड एडमिन्स के लिए जो इसके जरिए साइबर अटैक से बच सकते हैं.’

क्या है सिक्योरिटी की?

टू स्टेप वेरिफिकेशन की तरह ही सिक्योरिटी की भी होती है. यह दिखने में आम पेन ड्राइव जैसी ही लगती है, लेकिन यह खास U2F सिक्योरिटी की होती है. इसे आप ऑनलाइन खरीद सकते हैं जिसकी कीमत 1,500 रुपये से शुरू होती है. इसे आप उन अकाउंट्स में यूज कर सकते हैं जिनमें सिक्योरिटी की ऐड करने का ऑप्शन है. हाल ही में फेसबुक ने सिक्योरिटी की का ऑप्शन जोड़ा है तो आप इसे फेसबुक के साथ भी यूज कर सकते हैं.

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सिक्योरिटी की को अपने अकाउंट के साथ ऐड करना होता है. उदाहरण के तौर पर आपने अपने फेसबुक से सिक्योरिटी की को जोड़ लिया है तो आईडी और पासवर्ड के बाद आपको कंप्यूटर में सिक्योरिटी की लगानी होगी. बिना सिक्योरिटी की के अकाउंट नहीं खुलेगा. यानी अगर किसी को आपका पासवर्ड पता भी है तो वो आपका अकाउंट नहीं खोल सकता है.

क्या है ये टू स्टेप वेरिफिकेशन?

टू स्टेप वेरिफिकेशन दरअसल एक्स्ट्रा सिक्योरिटी का फीचर है. इसके तहत अकाउंट लॉग-इन करने से पहले सिर्फ पासवर्ड ही नहीं बल्कि पिन की जरूरत होती है. उदाहरण के तौर पर अगर जीमेल का टू स्टेप ऑथेन्टिकेशन यूज करेंगे तो आपको ईमेल लॉग-इन करने के लिए पासवर्ड के बाद मोबाइल पर रिसीव किए गए मैसेज का पिन दर्ज करना होगा. इसके बाद ही आपका जीमेल खुलेगा. यानी अगर किसी ने आपका पासवर्ड गेस कर लिया तो वो आपका अकाउंट नहीं खोल पाएगा, क्योंकि इससे पहले आपके नंबर पर पिन आएगा.

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