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GOOGLE ने अपने अंदाज में मनाई 'कलम के सिपाही' की 136वीं जयंती

प्रेमचंद की कहानियों के किरदार आम आदमी होते हैं. उनकी कहानियों में आम आदमी की समस्यायों और जीवन के उतार-चढ़ाव को दिखाया गया है. इसीलिए गूगल ने अपने डूडल में प्रेमचंद को गांव की कहानियों के रचयिता के रूप में दिखाया है.

गूगल ने प्रेमचंद पर बने डूडल को 'गांव की कहानियों के रचयिता' का नाम दिया गूगल ने प्रेमचंद पर बने डूडल को 'गांव की कहानियों के रचयिता' का नाम दिया
अंजलि कर्मकार/प्रियंका सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 31 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 7:19 PM IST

'कलम के सिपाही' के नाम से जाने वाले प्रेमचंद न सिर्फ भारत, बल्कि दुनियाभर के मशहूर और सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले रचनाकारों में से एक हैं. 31 जुलाई को उनकी 136वीं जयंती मनाई जा रही है. ऐसे में महान साहित्यकार को गूगल ने अपने ही अंदाज में याद किया और अपना डूडल मुंशी प्रेमचंद के नाम किया.

प्रेमचंद की कहानियों के किरदार आम आदमी होते हैं. उनकी कहानियों में आम आदमी की समस्यायों और जीवन के उतार-चढ़ाव को दिखाया गया है. इसीलिए गूगल ने अपने डूडल में प्रेमचंद को गांव की कहानियों के रचयिता के रूप में दिखाया है.

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लमही गांव में हुआ था जन्म
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के लमही गांव में जन्मे प्रेमचंद ने एक दर्जन से ज्यादा उपन्यास और कई कहानियां लिखी हैं. वे अपनी कहानियों के जरिए किसी भी बात को सिर्फ कहते नही हैं, बल्कि पाठक के दिलो-दिमाग पर गहरी छाप छोड़ जाते हैं.

ये हैं प्रेमचंद की प्रमुख रचनाएं
अपनी रचना 'गबन' के जरिए से एक समाज की ऊंच-नीच, 'निर्मला' से एक स्त्री को लेकर समाज की रूढ़िवादिता और 'बूढी काकी' के जरिए 'समाज की निर्ममता' को जिस अलग और रोचक अंदाज उन्होंने पेश किया, उसकी तुलना नही है. इसी तरह से पूस की रात, बड़े घर की बेटी, बड़े भाईसाहब, आत्माराम, शतरंज के खिलाड़ी जैसी कहानियों से प्रेमचंद ने हिंदी साहित्य की जो सेवा की है, वो अद्भुत है.

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