
अमेरिकी टेक कंपनी Google की एक स्टडी से कुछ हैरान कर देने वाली फाइंडिंग्स मिली हैं. पूरे इंटरनेट के 1.5% साइन इन ऐसे पासवर्ड्स से होते हैं जो पहले से ही हैक हो चुके हैं.
गूगल ने कहा है, ‘हमने 21 मिलियन यूजरनेम और पासवर्ड्स को स्कैन किए हैं और इनमें से 3.16 लाख से ज्यादा अनसेफ हैं’ कंपनी ने कहा है कि डेटा ब्रीच की वॉर्निंग के बाद 26% यूजर्स ने पासवर्ड बदले हैं. इन नए पासवर्ड्स में से 94% असली जैसे स्ट्रॉन्ग हैं. लेकिन कुछ यूजर्स ने इन वॉर्निंग को इग्नोर भी किया है.
Google की इस स्डटी में ये भी कहा गया है कि यूजर्स को अलग अलग वेबसाइट्स के लिए एक तरह के पासवर्ड इस्तेमाल करने बंद करने चाहिए. ऐसी स्थिति में ऐसे यूजर्स की जानकारियां चोरी होने के खतरे ज्यादा रहते हैं.
गौरतलब है कि यूजर्स आसानी की वजह से कई वेबसाइट के एक ही पासवर्ड रखते हैं. जैसे जीमेल, फेसबुक या ट्विटर इन सब के एक तरह के पासवर्ड रखते हैं. ऐसे में अगर किसी एक प्लेटफॉर्म से डेटा चोरी होता है तो ऐसी स्थिति में हैकर्स इसी पासवर्ड के सहारे यूजर्स के दूसरे अकाउंट्स को टार्गेट करते हैं.
हर साल सबसे खराब पासवर्ड की लिस्ट जारी होती है जिनमें नंबर 1 पर 12345678 होता है. इसी तरह से कमजोर पासवर्ड लोग अलग अलग वेबसाइट का बना लेते हैं. यूजर्स को कतई भी एक पासवर्ड अलग अलग प्लेटफॉर्म के लिए यूज नहीं करना चाहिए.
इसके अलावा पासवर्ड में स्पेशल कैरेक्टर यूज करके इसे मजबूत बनाना चाहिए और समय समय पर इसे बदलना भी चाहिए.
गूगल की इस स्टडी से एक बात तो साफ है कि भारी मात्रा में यूजर्स पासवर्ड से जुड़ी वॉर्निंग को इग्नोर कर देते हैं और इसका खामियाजा उन्हें कई तरह से भुगतना पड़ता है.