Advertisement

गोरखपुर हादसा: डॉ कफील गिरफ्तार, अपने क्लीनिक के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर चुराने का आरोप

एसटीएफ अब उन्हें गोरखपुर पुलिस को सौंपेगी. बीआरडी मेडिकल कॉलेज मामले में अब तक कुल 9 लोग आरोपी बनाए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक डॉ. कफील खान को लखनऊ से पकड़ा गया है.

डॉ कफील डॉ कफील
कुमार अभिषेक/शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • गोरखपुर,
  • 02 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:38 AM IST

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में आरोपी बनाए गए डॉ. कफील को आज सुबह यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है. एसटीएफ अब उन्हें गोरखपुर पुलिस को सौंपेगी. बीआरडी मेडिकल कॉलेज मामले में अब तक कुल 9 लोग आरोपी बनाए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक डॉ. कफील खान को लखनऊ से पकड़ा गया है. कफील को यूपीएसटीएफ ने एक सूचना के आधार पर धर दबोचा. वो पिछले पंद्रह दिनों से फरार चल रहे थे. कफील अहमद बीआरडी अस्पताल मे उसी वॉर्ड के सुपरिंनटेडेट थे, जिसमे बच्चों की लागातार मौत हो रही थी.

Advertisement

 

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मौत का तांडव जारी है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 29 अगस्त की रात 12 बजे से 30 अगस्त की रात 12 बजे तक 24 घंटे में 13 बच्चों की मौत हुई है. इनमें एनआईसीयू में 08 और पीआईसीयू में अलग-अलग बीमारियों से 5 बच्चों की मौत हुई है. बता दें कि एनआईसीयू में कुल 114 और पीआईसीयू में 240 मरीज भर्ती हैं. अगस्त महीने में अब तक 399 बच्चों की मौत हुई है.

गोरखपुर घटना के बाद मेडिकल कॉलेज के डॉ. कफील खान का नाम सामने आया था, जिसमें कहा गया कि उन्होंने मुश्किल समय में ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाए और मदद की. लेकिन बाद में कफील से जुड़ी कई नई बातें सामने आईं, जो कि बिल्कुल अलग कहानी दर्शाती हैं. मेडिकल कॉलेज से जुड़े कई लोगों ने उन मीडिया रिपोर्ट्स पर हैरानी जताई है, जिनमें कफील को किसी फरिश्ते की तरह दिखाया गया है. जबकि सच्चाई बिल्कुल अलग है. डॉ कफील बीआरडी मेडिकल कॉलेज के इन्सेफेलाइटिस डिपार्टमेंट के चीफ नोडल ऑफिसर हैं लेकिन वो मेडिकल कॉलेज से ज्यादा अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए जाने जाते हैं.

Advertisement

उन पर आरोप है कि वो अस्पताल से ऑक्सीजन सिलेंडर चुराकर अपने निजी क्लीनिक पर इस्तेमाल किया करता थे, जानकारी के मुताबिक कफील और प्रिंसिपल राजीव मिश्रा के बीच गहरी साठगांठ थी और दोनों इस हादसे के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं. लेकिन हादसे के बाद से ही उन्हें फरिश्ते की तरह दिखाया गया था, कहा जा रहा है कि इसमें उन्होंने अपने पत्रकार दोस्तों की मदद ली.

योगी को कुछ नहीं बताया

डॉ. कफील मेडिकल कॉलेज की खरीद कमेटी का मेंबर हैं, उन्हें भी ऑक्सीजन सप्लाई की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी थी. 2 दिन पहले जब सीएम योगी आदित्यनाथ मेडिकल कॉलेज के दौरे पर आए थे वो भी उनके इर्द-गिर्द घूम रहे थे. लेकिन उसने भी उन्हें ऑक्सीजन की बकाया रकम के बारे में कुछ नहीं बताया.

हर खरीद में कमीशन तय

मेडिकल कॉलेज के कई कर्मचारियों और डॉक्टरों ने इस बात की पुष्टि की है कि डॉक्टर कफील वहां होने वाली हर खरीद में कमीशन लेता था और उसका एक तय हिस्सा प्रिंसिपल राजीव मिश्रा तक पहुंचाता था. ऑक्सीजन कंपनी पुष्पा सेल्स के साथ चल रहे विवाद में भी राजीव मिश्रा के साथ कफील का बड़ा हाथ था. हमने जितने लोगों से भी बात की उनमें से ज्यादातर का यही कहना था कि डॉक्टर राजीव मिश्रा, उनकी पत्नी पूर्णिमा शुक्ला और डॉ. कफील अहमद सारे हादसे के असली दोषी हैं.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement