
गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ उर्फ अजय सिंह यूपी के नए सीएम होंगे. जितने विवाद योगी से जुड़े रहे हैं, उतने ही आपराधिक मामले भी उनके खिलाफ दर्ज हैं. जिनमें हत्या के प्रयास जैसे संगीन मामले भी शामिल हैं. उनके खिलाफ गोरखपुर और महाराजगंज में लगभग एक दर्जन मामले दर्ज हैं. जिनका जिक्र उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान अपने हलफनामे में किया था.
योगी के खिलाफ धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और सद्भाव बिगाड़ने के मामले में आईपीसी की धारा 153 ए के तहत दो मामले दर्ज हैं. इसके अलावा उनके खिलाफ वर्ग और धर्म विशेष के धार्मिक स्थान को अपमानित करने के आरोप में आईपीसी की धारा 295 के दो मामले दर्ज हैं.
उनके खिलाफ कृषि योग्य भूमि को विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल करके नुकसान पहुंचाने के इरादे से कार्य करने आदि का एक मामला भी दर्ज है. यही नहीं उनके खिलाफ आपराधिक धमकी का एक मामला आईपीसी की धारा 506 के तहत दर्ज है. उनके विरुद्ध आईपीसी की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास का एक संगीन मामला भी चल रहा है.
आईपीसी की धारा 147 के तहत दंगे के मामले में सजा से संबंधित 3 आरोप भी उन पर हैं. आईपीसी के खंड 148 के तहत उन पर घातक हथियारों से लैस दंगों से संबंधित होने के दो आरोप दर्ज हैं. उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 297 के तहत कब्रिस्तान जबरन घुसने के दो मामले हैं.
आईपीसी की धारा 336 के तहत उन पर दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा और जीवन को खतरे में डालने से संबंधित 1 मामला है. जबकि आईपीसी की धारा 149 का एक मामला और उनके खिलाफ चल रहा है. आईपीसी की धारा 504 के तहत उन पर जानबूझकर शांति का उल्लंघन करने का एक आरोप दर्ज है. इसके अलावा आईपीसी के खंड 427 का एक मामला भी उनके खिलाफ दर्ज है.
ये सभी मामले लोकसभा चुनाव 2014 में दिए गए उनके हलफनामें में दर्ज हैं. हालांकि कितने मामले इनमें से खत्म हुए या बंद हुए. यह जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है.
बतातें चले कि योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर दंगों के दौरान गिरफ्तार किया गया था. दंगों के दौरान एक युवक के मारे जाने के बाद बिना प्रशासन की अनुमति के योगी ने शहर के मध्य श्रद्धान्जली सभा आयोजित की थी और कानून का उल्लंघन किया था. इसके बाद उन्होंने अपने हजारों समर्थकों के साथ गिरफ़्तारी दी थी. उस वक्त आदित्यनाथ को सीआरपीसी की धारा 151A, 146, 147, 279, 506 के तहत जेल भेजा गया था.
इसी दौरान उनके संगठन हिन्दू युवा वाहिनी के सदस्यों ने मुंबई-गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के कुछ डिब्बों में आग लगा दी थी. जिसमें कई यात्री बाल बाल बच गए थे. उनकी वजह से पूर्वी उत्तर प्रदेश के छह जिलों और तीन मंडलों में भी फ़ैल गए थे. उस वक्त सूबे में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी.