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केंद्र सरकार जुलाई से पूरे देश में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स लागू करने की तैयारी में जुटी है. जहां जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र सरकार को आमदनी में बढ़ोतरी की उम्मीद है. वहीं यह भी दावा है कि जीएसटी देश में बड़े कारोबारी मौके साथ लेकर आएगा. जीएसटी केन्द्र सरकार के लिए बड़ी राहत साबित होगी क्योंकि बेरोजगारी के आंकड़े उसे परेशान कर रहे हैं.
इसके चलते सरकार ने 75 लाख रुपये के टर्नओवर वाले कारोबारियों से सबसे ज्यादा उम्मीद लगा रखी है. इस टर्नओवर वाले देश में बड़े स्तर पर ट्रेडिंग, मैन्यूफैक्चरिंग और रेस्टोरेंट कारोबारी हैं. इन क्षेत्रों में जीएसटी के बाद कारोबार में और तेज होने की संभावना है.
केन्द्र सरकार ने ट्रेडिंग कर रहे लोगों से 1 फीसदी टैक्स लेगी. वहीं मैन्यूफैक्चिरंग करने वाले छोटे कारोबारियों से 2 फीसदी और रेस्टोरेंट कारोबार करने वालों से 5 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला किया है. मौजूदा समय में इन सभी सेवाओं पर अधिक टैक्स था. खास बात यह है कि सबसे ज्यादा टैक्स चोरी भी इन्ही क्षेत्रों में होती थी.
कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) ने एक अध्ययन में पाया है कि GDP में 1% बढ़ोतरी से 25 लाख नए रोजगार पैदा होंगे. जीएसटी के लागू होने के बाद से GDP 2% से 2.5% से बढ़ने की उम्मीद है. जिससे लोगों की आय बढ़ेगी नतीजतन लोगों की खरीद शक्ति भी बढ़ेगी. ग्लोबल हंट के एमडी सुनिल गोयल का कहना है कि शुरुआती 1-2 सालों में अकाउंटिंग और ट्रेनिंग कंपनीयों में GST के लागू होने के बाद से नौकरीयां आएगी. मैन्युफैक्चरिंग, एफएमसीजी, इ-कॉमर्स, टेलिकॉम, ऑटोमोटीव और मीडिया सेक्टर ही सबसे ज्यादा फायदे में होगा. इन्हीं क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नौकरीयां भी मिलेंगी.
स्किल डेवलपमेंट और ऑन्ट्रप्रनर्शिप राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राजीव प्रताप रूडी का भी कहना है कि जीएसटी से 5 लाख कंप्यूटर ऑपरेटर को जॉब मिलेंगे. उनका कहना है कि 'जीएसटी लागू होने के बाद वैसे 5 लाख कंप्यूटर ऑपरेटर्स की जरूरत होगी जिनके पास फॉइनेनस रिलेटेड जानकारी होगी.'
अब देखना है कि क्या सरकार की उम्मीद पर जीएसटी खरा उतरता है और छोटे कारोबारी इस टैक्स सौगात का फायदा उठाते हुए नई नौकरियां पैदा करने में सफल होते हैं.