सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्रियों राजीव गांधी और इंदिरा गांधी की तस्वीरों वाले डाक टिकटों को बंद करने के निर्णय को लेकर कांग्रेस और सरकार में ठन गई है. कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन कर सरकार के इस कदम को संकीर्ण सोच का नतीजा करार दिया है.
वहीं, सरकार की ओर से भी इस मामले पर पलटवार किया गया है. दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के आज के नेताओं को केवल परिवार के लोग ही दिखते हैं. क्या मौलाना अबुल कलाम आजाद कांग्रेस के नहीं थे? क्या अंबेडकर कांग्रेस के नहीं थे. क्या इनके डाक टिकट हटाए गए हैं.
इस मामले पर महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में संचार भवन के बाद विरोध प्रदर्शन भी किया.
एनडीए सरकार ने डाक टिकटों के संदर्भ में विषय वस्तु के रूप में आधुनिक भारत के निर्माताओं (बिल्डर्स ऑफ मॉडर्न इंडिया) के स्थान पर भारत के निर्माता (मेकर्स ऑफ इंडिया) रखा है. आधुनिक भारत के निर्माताओं की श्रेणी के तहत इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की तस्वीरों वाले डाक टिकट चल रहे थे.
हालांकि जवाहर लाल नेहरू, बीआर अंबेडकर, मदर टेरेसा की तस्वीरों वाले डाक टिकटों को अक्षुण्ण रखा गया है. नई विषयवस्तु के तहत श्यामाप्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, शिवाजी, मौलाना आजाद, भगत सिंह, जयप्रकाश नारायण, राममनोहर लोहिया, विवेकानंद और महाराणा प्रताप जैसी प्रसिद्ध हस्तियों की तस्वीरों वाले डाक टिकट लाए गए हैं.