
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2016-17 के आम बजट के लिए लोगों से राय मांगी है. बजट तैयार करने में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के इरादे से यह कदम उठाया गया है. एक सरकारी बयान के अनुसार माईजीओवी डॉट इन पर नागरिकों से प्राप्त विचार और प्रस्ताव को वित्त वर्ष 2015-16 के केंद्रीय तथा रेल बजट में शामिल किया गया था. वित्त वर्ष 2016-17 के बजट के लिए भी सुझाव माईजीओवी डॉट इन पोर्टल पर दिए जा सकते हैं.
सुझाव के आधार पर तय होगा बजट
बजट की तैयारी शुरू हो गई हैं. बजट को अंतिम रूप देने से पहले सरकार ट्रेड यूनियनों, अर्थशास्त्रियों, उद्योग प्रतिनिधियों और सामाजिक क्षेत्र के कार्यकर्ताओं समेत विभिन्न संबद्ध पक्षों के साथ परिचर्चा करती है और उनके सुझाव सुनती है.
बजट टीम में हैं ये मंत्री
वित्त मंत्री अरुण जेटली की बजट टीम में वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम तथा नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या शामिल हैं. आधिकारिक टीम का नेतृत्व वित्त सचिव रतन वाटल करेंगे, जिसमें आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव शक्तिकांत दास, राजस्व सचिव हसमुख अधिया और विनिवेश सचिव नीरज कुमार गुप्ता शामिल हैं.
जमीनी स्तर पर सुझाव लेंगे NDA के मंत्री
जमीनी स्तर पर लोगों की समस्याओं और आकांक्षाओं को जानने के लिए NDA सरकार के मंत्री अगले साल के बजट से पहले देश के दूरदराज के आंतरिक इलाकों में जाएंगे. नरेंद्र मोदी सरकार ने बजट से पहले बड़े पैमाने पर लोगों की उम्मीदों के बारे में जानकारी लेने का फैसला किया है.
कम से कम दो संसदीय क्षेत्रों में जाएंगे मंत्री
एक सूत्र ने बताया कि फैसला किया गया है कि प्रत्येक मंत्री कम से कम दो संसदीय क्षेत्रों में जाएगा जिससे सरकार लोगों की समस्याओं, आकांक्षाओं और उम्मीदों के बारे में जमीनी स्तर पर जानकारी प्राप्त कर सके. सूत्र ने कहा कि यह प्रक्रिया बड़े स्तर होगी.
120 संसदीय क्षेत्रों से फीडबैक
सरकार लोगों की समस्याओं और उम्मीदों के बारे में जानने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचना चाहती है. सूत्रों ने कहा कि ये संसदीय क्षेत्र राजग के हो सकते हैं और अन्य पार्टियों के भी. एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार में 60 मंत्री हैं. इस लिहाज से 120 संसदीय क्षेत्रों से फीडबैक लिया जा सकेगा.