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काला धन जमा किया तो 50 फीसदी, पकड़े गए तो 85 फीसदी टैक्स

नोटबंदी के दौरान यदि आपने अपने बैंक खाते में 500 और 1000 रुपये का इस्तेमाल करते हुए 2.5 लाख रुपये से अधिक जमा किया है तो आपके लिए मुसीबत जल्द दस्तक देने वाली है. केन्द्र सरकार की नई मुहिम के बाद अब 2.5 लाख रुपये से कम रकम भी आपने जमा की है तो मुसीबत आपके गले पड़ना तय है.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया रोज बैंकों को दे रहा नया निर्देश रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया रोज बैंकों को दे रहा नया निर्देश
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 4:51 PM IST

नोटबंदी के दौरान यदि आपने अपने बैंक खाते में 500 और 1000 रुपये का इस्तेमाल करते हुए 2.5 लाख रुपये से अधिक जमा किया है तो आपके लिए मुसीबत जल्द दस्तक देने वाली है. केन्द्र सरकार की नई मुहिम के बाद अब 2.5 लाख रुपये से कम रकम भी आपने जमा की है तो मुसीबत आपके गले पड़ना तय है.

कालेधन पर टैक्स नए प्रवाधान
सोमवार को केन्द्र सरकार ने कालेधन पर लगाम लगाने के लिए एक बार फिर इंकम टैक्स एक्ट में बड़ा संशोधन प्रस्ताव संसद में पेश किया है. इस प्रस्ताव को संसद से पास कराने की तैयारी की जा रही है जिससे नए नियम को इस्तेमाल करने में कोई कानूनी पेंच न आए.

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संशोधन विधेयक में किए गए प्रावधान के मुताबिक बैंक खाते में 500 और 1000 रुपये की करेंसी का इस्तेमाल करते हुए कालाधन जमा कराने पर सरकार 30 फीसदी टैक्स और 10 फीसदी का जुर्माना लगाएगी. इसके साथ इस जरिए घोषित की गई कुल रकम पर लगे 30 फीसदी टैक्स पर 33 फीसदी की दर से सरचार्ज भी लगेगा. इस सरचार्ज की रकम प्रधानंत्री गरीब कल्याण योजना में जमा की जाएगी जिसका इस्तेमाल केन्द्र सरकार गरीबों की तमाम कल्याण योजनाओं के लिए करेगी.

लिहाजा, आप यदि अपने खाते में गैरकानूनी करार दी गई करेंसी का इस्तेमाल कर कोई बड़ी रकम जमा कराते हैं तो इस फॉर्मूले के तहत अब आपको 40 फीसदी टैक्स (टैक्स और पेनाल्टी) देना होगा. टैक्स की कुल रकम पर 33 फीसदी सरचार्ज भी लगाया जाएगा. इन दोनों को जोड़कर मोटे तौर पर आपको लगभग 50 फीसदी तक के कालेधन पर टैक्स, पेनाल्टी और सरचार्ज देना होगा.

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वहीं, जो लोग नोटबंदी प्रक्रिया के दौरान स्वत: अघोषित आय का खुलासा नहीं करते हैं और बाद में पकड़े जाते हैं पर 75 फीसदी टैक्स और 10 फीसदी पेनाल्टी लगाई जाएगी.

परिवार के सभी सदस्यों के खातों की होगी जांच
प्रस्तावित कानून की खास बात यह है कि यदि आपने कानून से बचने के लिए 2.5 लाख रुपये की रकम या उससे ज्यादा को कई भाग में बांटकर परिवार के अन्य सदस्यों के खाते में जमा कराया है तो आप कानून की पहुंच से बाहर नहीं है. केन्द्र सरकार इस कानून को पास कराने के बाद सभी बैंकों को निर्देश देगी कि परिवार के सभी सदस्यों के बैंक खातों को मिलाकर देखा जाए जिससे 8 नवंबर के बाद सभी खातों में जमा हुई रकम का टोटल किया जा सके.

सभी खातों में जमा रकम यदि छूट की रकम से अधिक आती है तो आपको इसका पूरा ब्यौरा देना होगा. ब्यौरा नहीं दे पाए तो टैक्स जाहिर है आप जमा की गई रकम का 40 फीसदी टैक्स अदा करेंगे और टैक्स की राशि पर 33 फीसदी सरचार्ज देंगे.

यह कदम सरकार ने जनधन अकाउंट के साथ-साथ ज्यादातर सेविंग बैंक अकाउंट में बड़ी रकम जमा होने की खबर के बाद उठाया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 9 नवंबर से 23 नवंबर के बीच प्रधानमंत्री जनधन योजना के बैंक खातों में 27 हजार करोड़ रुपये से अधिक पैसा जमा हुआ है. रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि 15 दिसंबर तक दी गई छूट के दौरान और अधिक रकम 500 और 1000 रुपये की प्रतिबंधित करेंसी में जमा होगी.

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पहले पैन कार्ड नियम में हुआ था संशोधन
इससे पहले 17 नवंबर को केन्द्र सराकर ने इंकम टैक्स नियम में बड़ा परिवर्तन करते हुए पैन कार्ड के प्रावधान में बदलाव किया था. पहले बैंक में 50,000 से अधिक नकद जमा कराने पर पैन कार्ड सूचना देना अनिवार्य. बैंक के लिए भी प्रावधान था कि वह ऐसे प्रत्येक ट्रांजैक्शन की सूचना इंकम टैक्स डिपार्टमेंट को देगा. लेकिन 8 नंवबर की आधी रात से लागू नोटबंदी के बाद कई ग्राहकों ने पुराने नियम से बचने के लिए 50,000 रुपये से कम रकम जमा कराई. बैंक की सूचना के मुताबिक ग्राहकों ने इस सीमा से कम रकम कई बार जमा कराकर इंकम टैक्स नियम से बचने की कोशिश की है. लिहाजा इंकम टैक्स डिपार्टमेंट ने संशोधन करते हुए अब बैंक खातों में साल भर जमा कराई गई रकम का आंकलन करने का निर्देश देते हुए प्रावधान किया है कि जिस भी खाते में साल भर में 10 लाख रुपये से ज्यादा जमा कराया जाता है तो उसकी सूचना बैंको द्वारा इंकम टैक्स विभाग को देना अनिवार्य होगा.

 

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