
नोटबंदी के फैसले के बाद पैदा हुआ कैश संकट आम आदमी का जीवन बुरी तरह प्रभावित कर रहा है. दिन प्रतिदिन सामने आ रही नई-नई दिक्कतों को समझते हुए केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक आम आदमी की सहूलियत के लिए फैसले कर रही है. नोटबंदी के 14 वें दिन प्रधानमंत्री ने शीर्ष प्रशासन के साथ बैठक कर पूरी प्रक्रिया की समीक्षा की और 15वें दिन वित्त सचिव शक्तिकांत दास ने देश में कैशलेस इकोनॉमी को प्रभावी करने के लिए कई अहम फैसले लिए-
1. अब सस्ता पड़ेगा डेबिट कार्ड का इस्तेमाल
ऐसे समझें: अभी तक किसी भी बैंक से जारी डेबिट कार्ड पर ग्राहकों को सर्विस चार्ज चुकाना पड़ता था. यह सर्विस चार्ज आमतौर पर दुकानदार 2 फीसदी की दर से सामान की एमआरपी में जोड़ लेता था. वहीं कैश भुगतान करने पर जानकार ग्राहकों को दी जाने वाली छूट में दुकानदार इसी चार्ज का पैसा कम कर देता था. अब डेबिट कार्ड से पेमेंट पर सरकार ने सर्विस चार्ज को पूरी तरह हटा लिया है. लिहाजा, ग्राहकों को बड़ी राहत मिली है और इसका फायदा उठाना के लिए वह दुकानदार से इस ऐवज में डिस्काउंट ले सकता है. हालांकि डेबिट कार्ड पर सर्विस चार्ज से राहत सिर्फ 31 दिसंबर तक दी गई है.
2. रुपे, ई-वॉलेट और मोबाइल पेमेंट हुई फ्री
ऐसे समझें: वित्त सचिव ने घोषणा की है कि देश में मोबाइल, इंटरनेट जैसे कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए 31 दिसंबर तक रूपे, ई-वॉलेट और ई-कॉमर्स ट्रांजैक्शन पर किसी तरह का चार्ज नहीं लगेगा. हालांकि नैशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने रूपे पर लगने वाले ट्रांजैक्शन चार्ज को 31 दिसंबर तक हटाने की घोषणा पहले ही कर दी थी. इस चार्ज के तहत रूपे अथवा किसी अन्य कार्ड से ट्रांजैक्शन करने पर कार्ड जारी करने वाला बैंक प्रति ट्रांजैक्शन 60 पैसे चार्ज करता था. वहीं रूपे के जरिए पैसे प्राप्त करने वाला बैंक प्रति ट्रांजैक्शन 30 पैसे चार्ज करता था.