Advertisement

General Quota: आरक्षण पर बहस के बीच जानें देश में क्‍या है सरकारी नौकरियों का हाल?

Reservation मोदी सरकार ने जनरल कैटेगरी को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का तोहफा दिया है.लेकिन सवाल है कि अभी देश में नौकरियों का हाल क्‍या है..

मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने का अहम फैसला लिया है. मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने का अहम फैसला लिया है.
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 08 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 4:53 PM IST

Reservation चुनावी साल में मोदी सरकार ने गरीब जनरल कैटेगरी को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने का अहम फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले पर हर सियासी पार्टियां अपने-अपने तरीके से प्रतिक्रियाएं दे रही हैं. कोई इसे सामान्‍य वर्ग के हित का फैसला बता रहा है तो कोई चुनावी जुमला करार दे रहा है. इन सबके बीच जो मूल सवाल अब भी बना हुआ है वो ये है कि देश में सरकारी नौकरियों का क्‍या हाल है. आज हम आपको इस रिपोर्ट में इसी की जानकारी देने जा रहे हैं.  

Advertisement

हर साल 80 लाख से अधिक नौकरियां जरूरी

डाटा विश्लेषक फर्म इंडियास्पेंड के मुताबिक भारत की 15 वर्ष की आयु से ज्यादा कामकाजी आबादी हर महीने 1.3 मिलियन यानी 13 लाख बढ़ रही है. यहां बता दें कि भारत में 18 साल से कम उम्र के किशोर को मजदूर बनाना कानूनन जुर्म है. इसका मतलब ये है कि भारत की रोजगार दर स्थिर रखने के लिए हर साल औसतन 80 लाख से अधिक नौकरियों की आवश्यकता होगी.

महिलाएं लगातार नौकरी छोड़ रही हैं

15 अप्रैल, 2018 को प्रकाशित विश्व बैंक की एक रिपोर्ट, ‘जॉबलेस ग्रोथ’ के मुताबिक महिलाएं लगातार नौकरी छोड़ रही हैं. इस कारण भारत के रोजगार दर में कमी आई है. आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2005 से 2015 के बीच भारत में पुरुष रोजगार दर में ‘बहुत कम’ गिरावट आई, जबकि महिला रोजगार दर में प्रति वर्ष लगभग 5 फीसदी की गिरावट हुई है.

Advertisement

नौकरियों के लिए जारी है लड़ाई

इंडियास्पेंड के मई 2018 के एक लेख में लिखा गया है कि 2017 में कम से कम 18.3 मिलियन यानी करीब 1.8 करोड़ भारतीय बेरोजगार थे और 2019 में बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़ने का अनुमान है.  देश में रोजगार के अवसरों की कमी के साथ युवाओं के बीच व्यापक नाराजगी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल भारतीय रेलवे द्वारा दी गई 90,000 नौकरियों के लिए 28 मिलियन यानी 2.8 से अधिक आवेदन आए.

इसी तरह मुंबई में 1,137 पुलिस कॉन्स्टेबल रिक्तियों के लिए 200,000 से अधिक उम्मीदवार प्रतिस्पर्धा कर रहे थे, जिनमें से कई जरूरी योग्यता से अधिक थे. रिपोर्ट में बताया गया है कि 423 के पास इंजीनियरिंग में डिग्री थीं. वहीं 167 बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर थे जबकि 543 पोस्ट-ग्रेजुएट थे. बता दें कि पद के लिए आवश्यक मूल योग्यता 12 वीं कक्षा पास थी.

यहां क्लिक करें- सवर्ण आरक्षण से जुड़े हर सवाल का जवाब

2018 में रोजगार में 1.09 करोड़ की कमी

आर्थिक परिदृश्य पर नजर रखनेवाली संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की हाल ही में आई रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2018 में बेरोजगारी दर बीते 27 महीनों में सबसे ज्यादा रही, जब यह दर 7.38 फीसदी तक जा पहुंची. सितंबर, 2016 में यह दर 8.46 फीसदी थी. इस कारण 2018 में निजी और सरकारी विभाग में रोजगार में लगे लोगों की संख्या में 1.09 करोड़ की कमी दर्ज की गई है. रिपोर्ट बताती है कि भारत में साल 2018 में बेरोजगारी की दर 7.4 फीसदी थी. यह पिछले 15 महीने में बेरोजगारी की दर सबसे अधिक थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement