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अगस्त में लोग नहीं मरते, सिस्टम की लापरवाही मार देती है... ये 3 हादसे सबूत?

मुजफ्फरनगर के खतौली में बड़ा ट्रेन हादसा हो गया. इसमें 23 लोगों की मौत हो गई, जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए.

सिस्टम की विफलता ने इस माह ली 117 निर्दोषों की जान सिस्टम की विफलता ने इस माह ली 117 निर्दोषों की जान
राम कृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 26 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 12:01 AM IST

सरकार की नाकामयाबी की वजह से इस साल का अगस्त महीना बेहद दर्दनाक साबित हुआ, जिसमें करीब 117 निर्दोष लोगों की जान चली गई और करीब 400 लोग जख्मी हो गए. इस साल अगस्त में सबसे पहले गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई रोकने से करीब 63 मासूम बच्चों की मौत हो गई.

मामले को लेकर जमकर हंगामा और राजनीति हुई. यह दर्दनाक घटना से देश उबरा भी नहीं था कि मुजफ्फरनगर के खतौली में बड़ा ट्रेन हादसा हो गया. इसमें 23 लोगों की मौत हो गई, जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इसके बाद अब रेप मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराने के बाद हरियाणा और पंजाब समेत कई छह राज्यों में जबरदस्त तांडव हुआ.

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इसमें 37 लोगों की जान चली गई, जबकि 250 से ज्यादा लोग घायल हो गए. यहां अहम बात यह है कि तीनों घटनाओं में सरकार और प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आई. इतने बेगुनाहों की जान सिर्फ सरकार और प्रशासन की लापरवाही से गई.

हरियाणा हिंसा में भी घोर लापरवाही

शुक्रवार को सीबीआई कोर्ट की ओर से रेप मामले में डेरा सच्चा चीफ बाबा राम रहीम को दोषी करार देने के बाद छह राज्यों में हिंसा शुरू हो गई. इससे पहले काफी भारी संख्या में डेरा समर्थक पंचकूला समेत कई इलाकों में जमा हो गए. इतना ही नहीं, ये डेरा समर्थक अपने साथ पेट्रोल बम, लाठी-डंडे और हथियार भी लेकर आते रहे, लेकिन सरकार और प्रशासन मूक दर्शक बने रहे. अदालत के दबाव में आकर इलाके में धारा 144 जरूर लगाई गई, लेकिन इसको लागू करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए. लिहाजा हरियाणा फिर से हिंसा की आग में जल उठा. इसमें 31 लोगों की मौत हो गई, जबकि 250 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इसमें भी सरकार और प्रशासन की विफलता सामने आई.

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खतौली में बड़ा ट्रेन हादसा

19 अगस्त को शनिवार शाम 5 बजकर 46 मिनट पर कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई. ट्रेन के 14 डिब्बे पटरी से उतरकर अगल-बगल के घरों और एक स्कूल में घुस गए. यह हादसा उस वक्त हुआ, जब यह ट्रेन पुरी से हरिद्वार की तरफ जा रही थी. इसमें 23 लोगों की मौत हो गई, जबकि 150 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए. घटना की संयुक्त जांच रिपोर्ट में रेलवे के इंजीनियरों, अफसरों और कर्मचारियों की घोर लापरवाही सामने आई. इतना ही नहीं, इसके दूसरे दिन फिर एक ट्रेन पटरी से उतर गई, जिसके बाद रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी.

गोरखपुर अस्पताल में मासूमों की मौत

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में प्रशासन की लापरवाही की वजह से मासूम बच्चों को ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई नहीं की गई, जिसके चलते उन्होंने एक-एक करके दम तोड़ दिया. उनके परिजन तड़पते रहे और पूरा देश गमगीन हो गया, लेकिन सरकार तब तक हरकत में नहीं आई, जब तक हंगामा शुरू नहीं हो गया. इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गोरखपुर का दौरा किया. फिर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की गई.

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