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सरकार के वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों के दलाई लामा के एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम से दूरी बनाने के बाद, दिल्ली में इसके आयोजन को रद्द कर देना पड़ा है. दलाई लामा के भारत में निर्वासन के 60 साल पूरा होने के अवसर पर तिब्बती समुदाय की तरफ दिल्ली में दो कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था.
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार एक सरकारी नोट भेजकर वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों को इस कार्यक्रम में से दूर रहने को कहा गया था. इसके बाद निर्वासित तिब्बती प्रशासन ने इस कार्यक्रम का आयोजन स्थल बदलकर धर्मशाला में कर लिया है.
सरकारी नोट में कहा गया था कि यह 'भारत-चीन संबंधों के लिए बहुत ही संवेदनशील मसला है.' निर्वासित तिब्बती समुदाय ने दलाई लामा के निर्वासन के 60 साल पूरे होने पर दिल्ली में दो कार्यक्रम करने की योजना बनाई थी, लेकिन दोनों को रद्द करना पड़ा है. पहला कार्यक्रम 31 मार्च को राजघाट में गांधी समाधि पर एक सर्वधर्म प्रार्थना का था और दूसरा 1 अप्रैल को त्यागराज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 'धन्यवाद भारत' कार्यक्रम होना था.
विदेश सचिव विजय गोखले ने कैबिनेट सचिव पी.के. सिन्हा को 22 फरवरी को भेजे नोट में लिखा था, 'हमें पता चला है कि दिल्ली के त्यागराज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 1 अप्रैल को एक बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम 'धन्यवाद भारत' का आयोजन किया जा रहा है. दलाई लामा से जुड़े लोग इसमें कई भारतीय गणमान्य हस्तियों को आमंत्रित करना चाहते हैं. वे दिल्ली में एक और कार्यक्रम आयोजित करेंगे और अन्य राज्यों में भी कार्यक्रम होंगे. यह प्रस्तावित अवधि भारत के चीन के साथ संबंधों के लिहाज से बहुत संवेदनशील है. इसमें केंद्र या राज्य सरकारों के वरिष्ठ पदाधिकारियों की भागीदारी उचित नहीं है और इसके लिए उन्हें हतोत्साहित करना चाहिए.'
गोखले ने सिन्हा से यह अनुरोध भी किया कि वे इसके बारे में सभी मंत्रालयों और विभागों को एक सर्कुलर एडवाइजरी जारी करें. केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के प्रवक्ता सोनम धागपो ने आजतक-इंडिया टुडे को बताया, 'भारत सरकार का सम्मान करते हुए दलाई लामा के कार्यक्रम का आयोजन स्थल बदल दिया गया है. उन्होंने कहा, 'भारत सरकार जो भी निर्णय करे हम इस बात के लिए हमेशा उसके प्रति कृतज्ञ रहेंगे कि उन्होंने हमें जगह दी है. उन्होंने कहा कि भारत-चीन संबंध बेहतर होने से तिब्बत मसले को हल करने में मदद मिलेगी.'
सूत्रों के मुताबिक तिब्बतियों के इन कार्यक्रमों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह , पूर्व उप प्रधानमंत्री एल के आडवाणी, गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू जैसे कई प्रमुख नेताओं को आमंत्रित करने की योजना थी.