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मणिपुर की सुप्रसिद्ध लोकतक झील के पर्यावरण से की जा रही छेड़छाड़ को जानने के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने एक चार सदस्यीय टीम बनाई है पर्यावरण मंत्रालय द्वारा बनाई गई टीम लोकतक झील का हाल जानने के लिए 7 नवंबर से लेकर 9 नवंबर तक मणिपुर का दौरा करेगी. केंद्र सरकार की टीम लोकतक झील के प्रबंधन और संरक्षण के बारे में उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी लेगी इस झील के इर्द गिर्द रहने वाले स्थानीय निवासियों से ये टीम मुलाकात करेगी.
लोकतक झील के पर्यावरण से हो रही छेड़छाड़ के बारे में केंद्र सरकार से तमाम शिकायतें की गई हैं इन शिकायतों की वास्तविकता जानने के लिए केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है. केंद्रीय टीम लोकतक झील के संरक्षण के लिए जिम्मेदार एजेंसियों और राज्य सरकार से बात करेगी. यह टीम केंद्र और राज्य सरकारों से विभिन्न कामों के लिए मिल रही धन राशि के सही उपयोग के बारे में भी आंकलन करेगी. इसके अलावा लोकतक झील के लिए ऐसे क्या कदम उठाए जाएं जिससे इस झील को मौजूदा स्वरुप में बचाए रखा जा सके इस पर भी केंद्रीय टीम विचार करेगी.
केंद्र सरकार लोकतक झील को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट के तौर पर दर्ज कराना चाहती है और इसके लिए इस झील के मैनेजमेंट और संरक्षण के लिए तमाम कदम उठाए जाने हैं. इस बारे में केंद्रीय टीम पूरा आंकलन करेगी और इसके लिए जरूरी उपायों के बारे में सुझाव देगी. केंद्रीय टीम लोकतक झील पर टूरिज्म के विकास पर भी अपने सुझाव देगी. इस टीम को 15 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है.