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जेटली बोले- केंद्र सरकार ने जारी नहीं किए जातिगत जनगणना के आंकड़े

भारत में सामाजिक, आर्थि‍क और जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जुटा लिए गए हैं. खास बात यह है कि केंद्र ने जाति आधारित आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए हैं. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि इससे भारत की हकीकत जानने में मदद मिलेगी.

वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो) वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST

भारत में सामाजिक, आर्थि‍क और जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जुटा लिए गए हैं. खास बात यह है कि केंद्र ने जाति आधारित आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए हैं. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि इससे भारत की हकीकत जानने में मदद मिलेगी.

अरुण जेटली ने इस जनगणना के आंकड़े के बारे में कहा कि यह एक शानदार दस्तावेज होगा. उन्होंने कहा कि इससे भारत की सामाजिक संरचना और हालात के बारे में सही स्थ‍िति की जानकारी मिल सकेगी.

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सरकारी योजनाएं तैयार करने में मिलेगी मदद
सामाजिक, आर्थि‍क और जाति आधारित जनगणना के आंकड़ों से सरकार को योजनाएं बनाने में काफी मदद मिलेगी. सरकार का कहना है कि इस तरह की जनगणना से यह पता चल सकेगा कि समाज में किस तबके की भागीदारी कितनी है और उसे किस तरह की योजनाओं की जरूरत है. गरीबी रेखा से नीचे रह रही आबाद की हालत सुधारने में भी मदद मिलेगी.

मनमोहन सरकार ने किया था फैसला
जाति आधारित जनगणना कराए जाने की घोषणा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 7 मई, 2010 को लोकसभा में की थी. तब पक्ष और विपक्ष के सभी दलों और सांसदों ने एक राय से 2011 की जनगणना में जाति को जोड़ने की मांग की थी.

हालांकि इस तरह की जनगणना कराए जाने की आलोचना भी होती रही है. कुछ लोगों का मानना है कि जाति आधारित आंकड़े आने से सामाजिक सौहार्द बिगड़ने का खतरा रहता है.

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