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भ्रष्टाचार पर प्रहार, आयकर विभाग के 21 अधिकारी जबरन रिटायर

भ्रष्टाचार को लेकर सरकारी अफसरों के खिलाफ केंद्र सरकार की कार्रवाई जारी है. सरकार ने मंगलवार को आयकर विभाग के 21 अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है.

पीएम मोदी (फाइल फोटो- PTI) पीएम मोदी (फाइल फोटो- PTI)
ऐश्वर्या पालीवाल
  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 4:35 PM IST

  • केंद्र ने 21 अधिकारियों को जबरन किया रिटायर
  • अब तक 85 अधिकारियों को मिली जबरन रिटायरमेंट

भ्रष्टाचार को लेकर सरकारी अफसरों के खिलाफ केंद्र सरकार की कार्रवाई जारी है. सरकार ने मंगलवार को आयकर विभाग के 21 अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है. सभी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं.

जबरन रिटायर किए गए अधिकारी ग्रुप बी ग्रेड के हैं. इसी के साथ इस साल अब तक 85 अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया है. इसमें से 64 टैक्स अधिकारी हैं.

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इससे पहले अगस्त, 2019 में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 22 वरिष्ठ कर अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर दिया था. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वह कर प्रशासन को साफ और भ्रष्टाचार मुक्त करेंगे ताकि ईमानदार कर दाताओं को परेशान ना किया जाए.

भ्रष्टाचार के लिए 22 कर अधिकारी हुए थे बर्खास्त

केंद्र सरकार ने कथित तौर पर भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों के बाद 22 वरिष्ठ कर अधिकारियों को नियम 56 (जे). के अंतर्गत बर्खास्त कर दिया गया था.

उत्पीड़न, रिश्वत, जबरन वसूली और भ्रष्टाचार के आरोपों पर सरकार ने 27 वरिष्ठ राजस्व अधिकारियों को घर भेजने की कार्रवाई के बाद यह कदम उठाया था. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने यह कार्रवाई विभिन्न केंद्रीय जीएसटी क्षेत्रों से की थी.

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के.के. उइके, एस.आर. परते, कैलाश वर्मा, के.सी. मंडल, एम. एस. डामोर, आर.एस. गोगिया, किशोर पटेल बर्खास्त हुए अधिकारियों में से हैं और यह सभी अधीक्षक के स्तर के पद पर तैनात थे.

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