
भारतीय सरकार द्वारा जारी हालिया सर्वे की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं. सर्वे की रिपोट के अनुसार भारत की 20 फीसदी आबादी को डायबिटीज और दिल की बीमारी है.
भारत सरकार द्वारा इस हेल्थ सर्वेक्षण को 26
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किया गया है. सर्वेक्षण
की रिपोर्ट में पाया गया भारत की 125 करोड़ आबादी
डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी बीमारी से जूझ रही
है.
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नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के अनुसार सर्वे के
दौरान 20.3 फीसदी डायबिटीज और 22.2 प्रतिशत
हाइपरटेंशन के मामले सामने आए हैं. इसमें डायबिटीज
से ग्रसित पुरुषों की संख्या 11.7, जबकि सर्वे में 8.6
फीसदी महिलाओं में डायबिटीज पाया गया.
हाइपरटेंशन के मामले भी पुरुषों में ज्यादा पाए
गए. 13.4 पुरुषों में जहां हाइपरटेंशन पाया गया वहीं
महिलओं में यह आंकड़ा 8.8 प्रतिशत रहा.
सर्वे रिपोर्ट की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ऐसे लोगों की संख्या में जबदरस्त इजाफा पाया गया है, जिन्हें डायबिटीज और हाइपरटेंशन दोनों बीमारियां हैं.
डायबिटीज और हाइपरटेंशन पर आधारित यह
सरकार का पहला सर्वेक्षण है, जिसमें 7 लाख महिलाओं
और 1.3 लाख पुरुषों को शामिल किया गया.
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जिन राज्यों में डायबिटीज के सबसे ज्यादा मामले
मिले हैं, उनमें गोवा (33.7%), पश्चिम बंगाल
(28.2%), असाम (34.6%) और उड़िसा
(27.2%) प्रमुख हैं. जबकि हाइपरटेंशन के मामले में
सिक्किम (44.8%) सबसे आगे हैं. इसके बाद क्रमश:
पंजाब (35%) और महाराष्ट्र (26%) हैं.
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इससे पहले सर्वे में यह खुलासा किया गया था कि देश के निजी अस्पतालों में सीजेरियन सेक्शन से होने वाली डिलीवरी की संख्या सरकारी अस्पतालों के मुकाबले कहीं ज्यादा है. त्रिपुरा के शहरी इलाके में सबसे ज्यादा सी-सेक्शन से डिलीवरी होती है. यह आंकड़ा देश के किसी भी दूसरे शहरों से ज्यादा है.