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केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को एक ऐसे अध्यादेश को मंजूरी दे दी जिससे चेक बाउंस होने के मामलों में दूर के शहरों में मुकदमा लड़ने को मजबूर लाखों लोगों को राहत मिलेगी. नरेंद्र मोदी सरकार का यह 14वां अध्यादेश होगा.
चेक बाउंस होने से जुड़े मामलों से जूझ रहे 18 लाख लोगों की सुविधा के लिए कैबिनेट ने नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने का फैसला किया है. इससे ऐसे मामलों में उसी जगह कानूनी कार्रवाई शुरू की जा सकेगी जहां वह चेक भुगतान प्राप्त करने या क्लियरिंग के लिए जमा कराया गया है.
प्रस्तावित अध्यादेश से चेक बाउंस मामलों में उसी जगह मुकदमा दायर करने की छूट मिल जाएगी जहां चेक क्लीयरेंस या भुगतान के लिए जमा कराया गया है. कैबिनेट की बैठक के बाद सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘जैसा कि आप नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट संशोधन अध्यादेश के बारे में जानते हैं, सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पारित किया है कि अगर आपको किसी से चेक मिलता है और यह बाउंस हो जाता है, तो इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई उसी राज्य में शुरू की जा सकती है जहां से उसे जारी किया गया है.’
गडकरी ने कहा, ‘अदालतों में ऐसे 18 लाख मामले चल रहे हैं. सरकार इस बारे में संसद में विधेयक लेकर आई थी. राज्यसभा में इसे पारित नहीं किया जा सका. ऐसे में लोगों को राहत देने के लिए सरकार यह अध्यादेश ला रही है.’ उन्होंने कहा कि इस अध्यादेश से 18 लाख लोगों को राहत मिलेगी.
गौरतलब है कि भूमि अध्यादेश जिसे पिछले महीने तीसरी बार जारी किया गया वह एनडीए का 13वां सरकारी अध्यादेश था.
(इनपुट: भाषा)