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GST से ठीक चार दिन पहले सरकार ने नियमों में दी बड़ी ढील

जीएसटी के तहत आपूर्तिकर्ता को भुगतान करते समय ई-कामर्स कंपनियों को एक प्रतिशत टीसीएस संग्रह करने की जरूरत नहीं होगी.  केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) कानून के तहत अधिसूचित इकाइयों को 2.5 लाख रुपये से अधिक की वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति के लिए भुगतान पर एक प्रतिशत टीडीएस संग्रह की आवश्यकता है. इस प्रावधान को फिलहाल स्थगित रखा गया है.

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विजय रावत
  • नई दिल्ली,
  • 26 जून 2017,
  • अपडेटेड 1:34 PM IST

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने में अब मात्र चार दिन बचे हैं. ऐसे में सरकार ने स्रोत पर कर कटौती यानी (टीडीएस) तथा स्रोत पर कर संग्रह यानी (टीसीएस) के प्रावधानों का क्रियान्वयन टाल दिया है. साथ ही ई-कॉमर्स पर सामान बेचने वाली छोटी कंपनियों को पंजीकरण से छूट दे दी है.

अब एक जुलाई से लागू हो रहे जीएसटी के तहत आपूर्तिकर्ता को भुगतान करते समय ई-कामर्स कंपनियों को एक प्रतिशत टीसीएस संग्रह करने की जरूरत नहीं होगी.  केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) कानून के तहत अधिसूचित इकाइयों को 2.5 लाख रुपये से अधिक की वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति के लिए भुगतान पर एक प्रतिशत टीडीएस संग्रह की आवश्यकता है. इस प्रावधान को फिलहाल स्थगित रखा गया है.

इस कदम से जीएसटी का क्रियान्वयन होगा सुनिश्चित
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि व्यापार एवं उद्योग से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर सरकार ने सीजीएसटी (केंद्रीय जीएसटी) कानून, 2017 के तहत टीडीएस (धारा 51) तथा टीसीएस (धारा 52) से जुड़े प्रावधान को आगे टालने का निर्णय किया है. इस कदम का मकसद जीएसटी का सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है.

ऐतिहासिक कर सुधार के लिए तैयार करने का मकसद

बीस लाख रुपये से कम कारोबार करने वाली छोटी कंपनियों को भी ई-कामर्स पोर्टल के जरिये वस्तुओं एवं सेवाओं की बिक्री के लिए जीएसटी के अंतर्गत स्वयं का पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं होगी. बयान के मुताबिक, यह कदम स्रोत पर कर कटौती के पात्र व्यक्तियों,  ई-कॉमर्स कंपनियों और उनके आपूर्तकर्ताओं को इस ऐतिहासिक कर सुधार के लिए तैयार करने के लिए उठाया गया है.

जीएसटी नेटवर्क पोर्टल ने टीडीएस, टीसीएस कटौती करने वालों और ई-कॉमर्स परिचारकों का पंजीकरण रविवार से शुरू कर दिया है. भारी भीड़ को देखते हुए एक जुलाई से पहले सभी का पंजीकरण होने की संभावना कम है. जीएसटी से कर आधार बढ़ने, कर चोरी पर लगाम तथा जीडीपी में 1 से 2 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है.


भारत में जीएसटी से वालमार्ट को फायदा होगा
अमेरिका की प्रमुख खुदरा कंपनी वालमार्ट का कहना है कि भारत में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) प्रणाली का उसे लाभ होगा और यह नयी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली सभी के लिए फायदे का सौदा साबित होगी. वालमार्ट इंडिया के अध्यक्ष व सीईओ कृष अय्यर ने कंपनी को जीएसटी लागू होने के बाद फायदा होने की बात कही.

भारत में जीएसटी 1 जुलाई 2017 से होने जा रहा है. अय्यर के मुताबिक मध्यम से दीर्घावधि के स्तर पर जब एक देश एक बाजार बन जाएगा तो आपको हर राज्य में गोदाम वेयरहाउस की जरूरत नहीं होगी. अर्थव्यवस्था के परिमाण की बात की जाए तो यह बड़ा फायदा होगा.

कम लागत में हुई कारोबार तो देंगे ग्राबकों को फायदा
वालमार्ट के सीईओ डगलस मैकमिलन ने अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की थी. इस बैठक में अय्यर भी मौजूद थे. उन्होंने कहा, अगर हम कम लागत में कारोबार कर पाते हैं तो हम इसका फायदा ग्राहकों को देंगे और प्रमुख जिंसों के दाम घट सकते हैं. तो यह एक तरह से सभी के लिए फायदे का सौदा होगा.

ग्राहकों के लिए, सरकार के लिए और कंपनियों के लिए भी. कंपनी का कहना है कि वालमार्ट की भारत में बड़ी हिस्सेदारी पर निगाह है और उसे बड़ा फायदा होने जा रहा है. इसके साथ ही अय्यर ने सुधारों के लिहाज से मौजूदा सरकार द्वारा की जा रही पहलों की सराहना की. उन्होंने कहा कि हम जीएसटी विशेषकर एक जुलाई से होने वाले बदलावों के बहुत प्रशंसक हैं.

वालमार्ट के सीईओ ने कंपनी के प्रत्यक्ष खरीद कार्यक्रम व महिला उद्यमियों के आर्थकि सशक्तिकरण के बारे में भी बात की. वालमार्ट की अगले चार से पांच साल में 50 कैश एंड केरी स्टोर खोलने की योजना है.

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