Advertisement

सरकार का कड़ा रुख, बख्शे नहीं जाएंगे माल्या जैसे डिफॉल्टर

वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने रविवार को कहा कि जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाले ‘विल्फुल डिफाल्टरों' को बख्शा नहीं जाएगा. दोषी कोई भी हो उसपर सख्त कार्रवाई होगी.

सिन्हा बोले- ऐसे मामलों के लिए लाई जा रही है दिवालिया संहिता सिन्हा बोले- ऐसे मामलों के लिए लाई जा रही है दिवालिया संहिता
केशव कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 13 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 9:03 PM IST

शराब कारोबारी और बंद हो चुके किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या 9000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर विदेश भाग गए हैं, वहीं सरकार ने संकेत दिए हैं उन पर आने वाले समय में कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने रविवार को कहा कि जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाले ‘विलफुल डिफॉल्टरों' को बख्शा नहीं जाएगा. दोषी कोई भी हो उस पर सख्त कार्रवाई होगी.

Advertisement

बाधा नहीं बनेगी वैश्विक सुस्ती की वजह
सिन्हा ने कहा कि वैश्विक सुस्ती से अपने कारोबार पर पड़े असर की वजह से कर्ज नहीं चुका पाने वाले कारोबारी को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा. उन्‍होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं जो जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाते. जो गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ कानून कड़ाई से लागू किया जाएगा.

नाम लिए बिना माल्या पर निशाना
उन्होंने कहा कि सभी जांच एजेंसियां इस मामले में काम कर रही हैं. इसके बाद ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी. सिन्हा ने माल्या का नाम नहीं लिया है, लेकिन माना जा रहा है कि उनका बयान माल्या के बारे में ही था. सुप्रीम कोर्ट ने उनके समूह की कंपनियों से नौ हजार करोड़ रुपये की वसूली के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की याचिका की सुनवाई की थी. इसके पहले ही दो मार्च को 17 बैंकों के कर्जदार माल्या लंदन चले गए थे.

Advertisement

दूसरे सेट के डिफॉल्टरों पर नरमी
सिन्हा ने कहा कि डिफॉल्टरों के दूसरे सेट में वे लोग शामिल हैं जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती या पिछली सरकार की नीतिगत विफलता की वजह से वित्तीय संकट झेल रहे हैं. ऐसे मामलों में हमारे पास एक उचित प्रक्रिया है. नीतिगत दखल से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस तरह के एनपीए का सही तरीके से निबटारा हो सके.

लाई जा रही है दिवालिया संहिता
उन्‍होंने कहा कि इस तरह के मसलों से निपटने के लिए दिवालिया संहिता लाई जा रही है, जिससे भविष्य में ऐसी दिक्कतें न हों. अगर कोई गैरकानूनी या आपराधिक प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है और ऐसा कारोबारी या वित्तीय रणनीति या बाहरी कारणों से हुआ है. तो दूसरे सेट के ऐसे कारोबारियों पर नरमी बरती जा सकती है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement