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उमर अबदुल्ला बोले- J-K में लागू हो राष्ट्रपति शासन, जल्द कराए जाएं चुनाव

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला ने कहा कि पी़डीपी नेता महबूबा को सत्ता प्यारी नहीं होती तो वह पहले ही इस्तीफा दे देती, जब वह अपनी कुर्सी पर बैठी थीं तब बीजेपी ने नीचे से कालीन खींच लिया.

उमर अबदुल्ला उमर अबदुल्ला
अनुग्रह मिश्र
  • श्रीनगर,
  • 19 जून 2018,
  • अपडेटेड 5:26 PM IST

जम्मू कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन टूटने के बाद अब सरकार गिर गई है और राज्य में सियासी दलों के लिए नया मौका है. बीजेपी ने मंगलावर को पीडीपी सरकार से अपना समर्थन वापल ले लिया जिसके बाद अल्पमत सरकार की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपना इस्तीफा सौंप दिया. इसके बाद तमाम सियासी दल सरकार गिरने के बाद अपना रुख साफ कर रहे हैं.

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नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अबदुल्ला ने राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात कर कहा कि 2014 में भी हमें सरकार बनाने का जनादेश नहीं मिला था और अब भी हमारे पास जनादेश नहीं है. ऐसे में राज्यपाल से हमने अपील की है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए. उन्होंने कहा कि घाटी के हालात को सुधारने की कोशिश की जाए और इस फैसले में नेशनल कॉन्फ्रेंस उनके साथ है.

उमर अबदुल्ला ने कहा कि राज्य में किसी भी पार्टी के पास अकेले सरकार बनाने के लिए आंकड़े नहीं है इसलिए राष्ट्रपति शासन ही एकमात्र विकल्प बचता है. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि राज्य के सभी इलाकों में हालात जल्द से जल्द सामान्य हों. उमर ने कहा कि हमने राष्ट्रपति शासन लागू करने की अपील की लेकिन साथ में यह भी कहा है कि इसे लंबे वक्त तक के लिए न लागू किया जाए और जल्द घाटी के हालात सुधरते देख फिर से चुनाव कराए जाएं.

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जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला ने कहा कि पी़डीपी नेता महबूबा को सत्ता प्यारी नहीं होती तो वह पहले ही इस्तीफा दे देती, जब वह अपनी कुर्सी पर बैठी थीं तब बीजेपी ने नीचे से कालीन खींच लिया. उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने का फैसला महबूबा मुफ्ती को पहले ही ले लेना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जो ठीक नहीं है.

पीडीपी से बीजेपी का ब्रेकअप!

गठबंधन तोड़ने का ऐलान करते हुए बीजेपी नेता राममाधव ने कहा कि जिन मुद्दों को लेकर सरकार बनी थी, उन सभी बातों पर चर्चा हुई. पिछले कुछ दिनों से कश्मीर में स्थिति काफी बिगड़ी है, जिसके कारण हमें ये फैसला लेना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री, अमित शाह, राज्य नेतृत्व सभी से बात की है.

राममाधव ने कहा कि जहां तक केंद्र सरकार का रोल है, केंद्र ने तीन साल तक राज्य को पूरी मदद की. कई सारे प्रोजेक्ट भी लागू किए गए. उन्होंने कहा कि हमने शांति स्थापित करने के लिए ही रमजान महीने में सीजफायर लागू किया था, लेकिन उसमें भी शांति स्थापित नहीं हो पाई. हालात बिगड़ते जा रहे थे.  

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