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गोविंदाचार्य ने लिखी केजरीवाल को चिट्ठी, कहा- नोटबंदी के कानून का पालन करें

गोविंदाचार्य के मुताबिक नैतिक धरातल पर आम आदमी पार्टी भले ही दूसरे दलों के साथ दिखती हो पर काननू का पालन करके केजरीवाल नए राजनीतिक मापदंड स्थापित कर सकते हैं.

राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के अध्यक्ष केएन गोविंदाचार्य राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के अध्यक्ष केएन गोविंदाचार्य
अहमद अजीम
  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:31 PM IST

राजनीतिक पार्टियों के चंदे पर लगाम लगाने के लिए चल रही देशव्यापी बहस के बीच बीजेपी के पूर्व नेता और राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के अध्यक्ष केएन गोविंदाचार्य ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर आम आदमी पार्टी से नोटबंदी के काननू का पालन करने का आग्रह किया है.

आम आदमी पार्टी ने अपनी वेबसाइट से दान दाताओं की लिस्ट हटा ली है, जिसका अन्ना हजारे ने विरोध किया. गोविंदाचार्य के मुताबिक नैतिक धरातल पर आम आदमी पार्टी भले ही दूसरे दलों के साथ दिखती हो पर काननू का पालन करके केजरीवाल नए राजनीतिक मापदंड स्थापित कर सकते हैं. गोविंदाचार्य ने केजरीवाल से काननू का पालन करके ये तमाम मांग की है-

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1- क्या आम आदमी पार्टी ने 8 नवंबर के बाद 12.5 लाख रुपये से अधिक नकदी चंदा 500 या 1000 के नोटों के माध्यम से लिया है? अगर हां तो ऐसे नकदी चंदे की कुल राशि कितनी है? और उन दान दाताओं का विवरण जिन्होंने बंद किए गए नोटों को आपकी पाटी को दिया है.

2- क्या आम आदमी पार्टी ने 8 नवंबर के बाद बंद किए गए पुराने नोटों को बैंकों में जमा किया है? अगर हां तो कुल राशि कितनी है और ये भी बताएं की चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक 10 दिन के अन्दर कैश-इन-हैंड आप पाटी द्वारा बैंक में 18 नवंबर के पहले क्यों नहीं जमा किया गया?

3- आम आदमी पार्टी की तरफ से अब तक जितनी भी नकद राशि बैंक में जमा की गई है उन सभी मामलों में दानदाताओं का पूरा विवरण चुनाव आयोग को देना चाहिए. ऐसा न करने पर धारा 13 (ए) के तहत करों में छूट क्यों मिलनी चाहिए?

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4- सरकार की ई-पेमेंट पर प्रोत्साहन योजना को राजनीतिक दलों के लेनदेन में क्यों नहीं लागू होना चाहिए? राजनीतिक दलों को ई-डोनेशन मिलने पर ही आयकर की धारा 13 (ए) के तहत छूट मिलनी चाहिए.

गोविंदाचार्य ने पिछले हफ्ते चुनाव आयोग के साथ इस मुद्दे पर मुलाकात करके विस्तृत प्रतिवेदन दिया था. जिस पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रभावी कार्रवाई का आश्वासन दिया है. पूर्व चुनाव आयुक्त कृष्णमूर्ति द्वारा राजनीतिक दलों पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप, सहारा-बिरला डायरी के विवाद, मायावती और बसपा के खातों में बड़ी रकम की खबर के बीच गोविंदाचार्य के केजरीवाल को लिखे इस पत्र से राजनीतिक चंदे पर ठोस कार्रवाई के लिए नई मुहीम शुरू हो सकती है.

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