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रांची में ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ होम के माहौल को सरकारी अधिकारी ने बताया था ‘उत्कृष्ट’

पिछले महीने ही ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ से जुड़े एक और होम शिशु भवन का एक सरकारी अधिकारी ने निरीक्षण किया था और वहां बच्चों की देखभाल के लिए माहौल को ‘उत्कृष्ट’ बताते हुए रजिस्टर में एंट्री भी की थी. 

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
सना जैदी/खुशदीप सहगल/इंद्रजीत कुंडू
  • रांची,
  • 12 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 6:32 PM IST

रांची में ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ से जुड़े होम ‘निर्मल हृदय’ से नवजात शिशुओं की बिक्री का घोटाला जहां सुर्खियों में छाया हुआ है. वहीं ये तथ्य भी सामने आया है कि पिछले महीने ही ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ से जुड़े एक और होम शिशु भवन का एक सरकारी अधिकारी ने निरीक्षण किया था और वहां बच्चों की देखभाल के लिए माहौल को ‘उत्कृष्ट’ बताते हुए रजिस्टर में एंट्री भी की थी.

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रांची की डिस्ट्रिक्ट एग्जेक्यूटिव मजिस्ट्रेट श्वेता कुमारी गुप्ता ने 23 जून को शिशु भवन का निरीक्षण किया था. उस वक्त होम के रजिस्टर में गुप्ता ने लिखा था- ‘मैं यहां आधिकारिक निरीक्षण के लिए आई, बच्चों की देखभाल के लिए उत्तम माहौल, मैं यहां बार-बार आना पसंद करूंगी.’

बता दें कि मिशनरीज ऑफ चेरिटी से जुड़े होम ‘निर्मल हृदय’ से बच्चों को बेचे जाने के आरोप में होम की एक नन और एक कर्मचारी अनीमा इंदवार को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया गया. रांची की चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) यूनिट की अध्यक्ष ओर से निर्मल हृदय की कर्मचारी के खिलाफ एक नवजात को कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के एक दंपति को बेचे जाने के आरोप में शिकायत दर्ज कराई थी.

निर्मल हृदय की कर्मचारी अनीमा इंदवार ने होम से चार बच्चों को बेचे जाना कबूल किया था. पुलिस अब पूरे झारखंड में ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ की गतिविधियों की गहराई से जांच कर रही है. 

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