
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2019 में लोकसभा चुनाव में चुनौती देने के लिए जनता दल यूनाइटेड और कांग्रेस ने बिहार के तर्ज पर महा गठबंधन बनाने की वकालत की है. हाल ही में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश चुनावों में भाजपा की धमाकेदार जीत को देखते हुए इन दोनों दलों ने महागठबंधन बनाने पर जोर दिया है.
जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि जब तक देश के तमाम राजनीतिक दल भाजपा को हराने के लिए एक मंच पर नहीं आते हैं तब तक प्रधानमंत्री मोदी को हराना संभव नहीं है. संजय सिंह ने कहा कि अगर मायावती ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन के साथ हाथ मिलाया होता तो फिर वहां की तस्वीर कुछ और होती है.
कांग्रेस पार्टी, जिसने उत्तर प्रदेश चुनावों में अब तक की सबसे बुरी पराजय देखी है, उसने भी रानी के लिए महा गठबंधन बनाने की बात कही. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणि शंकर अय्यर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कई राज्यों में कमजोर है और जहां जहां उसने गठबंधन किया है वहां पर उसका प्रदर्शन बेहतर रहा है. मणिशंकर अय्यर ने इस बात पर भी जोर दिया कि कांग्रेस पार्टी को समझना चाहिए कि उनकी स्थिति 1968 जैसी मजबूत नहीं है और ऐसे में 2019 को लेकर महा गठबंधन बनाना बेहद जरूरी है.
राष्ट्रीय जनता दल में भी उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत की वजह महागठबंधन का नहीं बनना बताया. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में महागठबंधन बनता तो वहां का परिणाम कुछ और होता.
हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी को हराने के लिए 2019 में अगर कोई महागठबंधन बनता है तो उस का नेतृत्व कौन करेगा इसको लेकर जदयू ने साफ स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही महागठबंधन का चेहरा हो सकते है और मोदी को टक्कर देने के लिए सबसे मजबूत प्रधानमंत्री उम्मीदवार.