
2019 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को सत्ता में आने से रोकने के लिए विपक्षी दल आपसी मतभेदों को भुलाकर एकजुट हो रहे हैं. जबकि बीजेपी के सामने अपने रुठे हुए सहयोगी दलों को मनाने की सबसे बड़ी चुनौती है. इसी के मद्देनजर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह इन दिनों अपने सहयोगी दलों के नेताओं के साथ लगातार मुलाकात करके एनडीए के कुनबे को संभालने में जुटे हुए हैं.
देश के 4 लोकसभा और 10 विधानसभा उपचुनाव के नतीजों के बाद जिस तरह से एनडीए के सहयोगी दलों ने एक के बाद एक बीजेपी नेतृत्व के खिलाफ अपनी नाराजगी जतानी शुरू की है. इससे बाद से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह सहयोगी दलों के नेताओं के साथ मुलाकात कर रहे हैं. शाह उनकी मांगों, सुझावों को सुनकर जल्दी ही उनकी समस्या का निवारण करने का आश्वासन दे रहे हैं. इस कड़ी में कल बुधवार को शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मिल सकते हैं.
महासंपर्क अभियान के तहत बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह देश की जानी मानी हस्तियों से मुलाकात कर रहे हैं. इस संपर्क अभियान के लिए शाह बुधवार को मुंबई में होंगे. सूत्रों के अनुसार बुधवार को शाम 6 बजे मातोश्री में अमित शाह और उद्धव ठाकरे के बीच मुलाकात हो सकती है.
महाराष्ट्र के पालघर उपचुनाव को लेकर शिवसेना और बीजेपी में टकराव हुआ था उसके साथ कई अन्य मुद्दों पर गठबंधन में जिस तरह से दूरियां बढ़ी हैं. इस खाईं को पाटने की लिए अमित शाह उद्धव ठाकरे के साथ बात करेंगे. माना जा रहा है कि शाह ये कोशिश करेंगे कि 2019 चुनाव में शिवसेना एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़े.
शिवसेना के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह गुरुवार को चंडीगढ़ में अकाली दल के अध्यक्ष प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल से मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात के जरिए पंजाब की ताजा राजनीतिक हालत और 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा हो सकती है.
गौरतलब है कि उपचुनाव के नतीजों के बाद 3 जून को लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और उनके बेटे चिराग पासवान से अमित शाह ने दिल्ली में मुलाकात की थी. इस बैठक के बाद पासवान ने कहा था कि मोदी सरकार को जल्दी ही अनूसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति संबंधित कानून और प्रमोशन में आरक्षण संबंधी कानून पर अध्यादेश पर लाना चाहिए. इसके साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विषेश राज्य के दर्जा देने वाली मांग का समर्थन किया था. सूत्रों की माने तो शाह ने आश्वासन दिया उनकी मांगों पर सरकार चर्चा हो रही हैं और जल्दी ही सरकार उचित कदम उठाएगी.
उपचुनावों के नतीजे आने के बाद बिहार में एनडीए के जेडीयू समेत सभी सहयोगी दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर अभी से कोहराम मचा हुआ है. राजनीति घटनाक्रम को देखते हुए शाह के निर्देश पर भूपेन्द्र यादव और बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने पटना में एनडीए को 7 जून को महाभोज दिया.
रामविलास पासवान, नीतीश कुमार, भूपेंद्र यादव, सुशील मोदी, उपेंद्र कुशवाहा, नित्यानंद राय, अरुण कुमार समेत सभी सांसद, विधायक, विधान पार्षद, प्रदेश पदाधिकारी और सभी घटक दलों के जिलाध्यक्ष महाभोज में शामिल होंगे.
उपचुनाव की हार से सबक लेते हुए शाह के नेतृत्व में बीजेपी ने अपने सहयोगियों की नाराज़गी दूर करने की पहल की हैं. बीजेपी को इस बात का बखूबी एहसास हो गया हैं कि 2019 के चुनाव रण अकेले जीतना इतना आसान नहीं हैं. जबकि विपक्ष दलों की बन रहे महागठबंधन को मात देने के लिए एनडीए के सहयोगियों का साथ जरूरी है. इसीलिए शाह पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं.